कोलकाता/रांचीः नीतियों और जमीन को लेकर राजनीति की
घटना कोई नयी बात नहीं है, लेकिन अब आलू को लेकर राजनीति शुरू हो गयी है.
पिछले एक महीने से बंगाल व आसपास के राज्यों में आलू को लेकर हाहाकार मचा
हुआ है. इसके बाद बंगाल सरकार ने अन्य राज्यों में आलू के निर्यात पर पूरी
तरह से रोक लगा दी थी. इससे अन्य राज्यों में आलू की किल्लत और बढ़ गयी.
इस फैसले के खिलाफ अन्य राज्यों ने भी यहां आवश्यक सामग्री की आपूर्ति
बंद कर दी थी. आलू के निर्यात पर बुधवार को बैठक हुई. इसमें मुख्यमंत्री
ने आलू के निर्यात पर लगी रोक को आंशिक रूप से हटा दिया है. अब बंगाल से
सिर्फ ओड़िशा में आलू का निर्यात किया जा सकेगा, जबकि झारखंड में निर्यात
पर लगी पाबंदी अभी भी बरकरार रहेगी. इस संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि
ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से उनकी बातचीत हुई है. वहां वास्तव में
आलू की किल्लत से लोगों को समस्याएं हो रही हैं. इसलिए राज्य सरकार ने
फिलहाल वहां एक मिलियन टन आलू निर्यात करने का फैसला किया है. फोरम ऑफ
ट्रेडर्स ऑर्गनाइजेशन ऑफ वेस्ट बंगाल के महासचिव रवींद्र नाथ कोले ने कहा
कि बंगाल में अभी भी करीब 10 लाख मिलियन टन आलू है, इसमें से ही एक लाख टन
को ओड़िशा भेजा जायेगा.
पौने दो लाख किलो आलू राजधानी आये
रांचीः बुधवार को थोक मंडी, पंडरा में दूसरे राज्यों से करीब पौने दो
लाख किलो आलू आये. बंगाल से 1750 पैक, रायबरेली से 1174, झारखंड के कई
जिलों से करीब 572 बैग आलू राजधानी आये. एक बैग में 50 किलो आलू रहता है.
थोक मंडी में नया आलू 16 रुपये और पुराना आलू 13-14 रुपये प्रति किलो बिका.
मंडी के व्यापारियों ने बताया कि महाराष्ट्र के अहमदनगर, शोलापुर,
धुलिया, नासिक, जलगांव तथा नागपुर से कुल नौ गाड़ी प्याज आये. सभी स्थानों
से करीब 2852 पैकेट आलू आये. थोक मंडी में प्याज 30 से 32 रुपये प्रति किलो
के आसपास बिका.
गिरने लगी है कीमत : शहर स्थित कई थोक मंडी में आलू और
प्याज की कीमत गिरने लगी है. सुखदेव नगर स्थित खादगढ़ा मंडी में 50 रुपये
किलो प्याज बेचा जा रहा था. वहीं तुपुदाना के कई खुदरा दुकानों में 55 से
60 रुपये किलो प्याज बेचा गया. लालपुर मंडी में 40 रुपये प्रति किलो के
आसपास प्याज बेचा गया. मोरहाबादी बाजार व टाटीसिलवे बाजार में भी 40 रुपये
के आसपास प्याज बिका. नया आलू करीब-करीब सभी स्थानों पर 20 रुपये प्रति
किलो के आसपास बिक रहा है