रिजर्वबैंक ने ऊंची ब्याज दरों को लिए महंगाई को जिम्मेदार ठहराया

कोलकाता। भारतीय रिजर्व बैंक ने आज ऊंची ब्याज दरों के दौर के लिए मुद्रास्फीति को जिम्मेदार ठहराया। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस तरह के परिदृश्य में नीतिगत दरों में कमी करने के बाद भी बैंक घटी दरों का लाभ उपभोक्ता तक नहीं पहुंचा पाएंगे। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के.सी. चक्रवर्ती ने एमसीसी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यदि हम नीतिगत दरों में कटौती करते भी हैं तो बैंक ऐसा नहीं कर पाएंगे क्योंकि बैंक जमाकर्ताओं से किसी एक खास कीमत पर धन नहीं जुटा पाएंगे।’’

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक, बैंकों पर ब्याज दर कम करने के लिए दबाव नहीं डाल सकता। बैंकों को जब तक सस्ती लागत पर पैसा नहीं मिलता है तब तक यह मुश्किल है।

गत 4 सितंबर को रिजर्व बैंक गवर्नर का पद संभालने के बाद रघुराम राजन ने रेपो दरों में दो बार बढ़ोतरी की है। रेपो दर इस समय 7.75 प्रतिशत पर पहुंच गई है। 20 सितंबर व 29 अक्तूबर को रेपो दरों में चौथाई-चौथाई फीसद की बढ़ोतरी की गई।

चक्रवर्ती ने कहा कि महंगाई की वजह कुछ भी हो, लोग महंगाई आंकड़े से कम  दर पर पैसा नहीं जमा कराएंगे। ऐसे में बैंक सस्ता कोष कैसे जुटा पाएंगे। मौजूदा दरों पर भी बैंकों की जमा वृद्धि 12 प्रतिशत के पार नहीं जा रही है।

(भाषा)

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