यह अनियोजित विकास का ही नतीजा है कि आजादी के बाद से अब तक राजधानी से सटे
निगोहां के दो गांव हरिहरपुर पटसा और जमादारखेड़ा बिना बिजली के अंधेरे
में थे।
रविवार का दिन दोनों गांवों के ग्रामीणों के लिए बिजली की सौगात के रूप में ढेरों खुशियां लेकर आया।
विधायक
चंद्रा रावत के उद्घाटन करते ही दोनों गांवों में बिजली चमक उठी इसी के
साथ बच्चे, बूढ़े, युवा और महिलाएं सभी एक सुर में खुशी के साथ चिल्ला
उठे…‘देखो बिजली आ गई…’।
गांववालों की खुशी देखते ही बन रही थी।
दीपावली से पहले ही यहां दीपावली जैसा माहौल हो उठा। एक दूसरे को मिठाई
खिलाते ग्रामीणों ने बधाइयां दीं।
रविवार को हरिहरपुर पटसा गांव के मजरा नयाखेड़ा और जमादारखेड़ा का मजरा गड़रियनखेड़ा का बदला हुआ अंदाज था।
विधायक
निधि से दोनों गांव में कराए गए विद्युतीकरण का उद्घाटन विधायक चंद्रा
रावत ने किया। ये दोनों गांव लखनऊ और रायबरेली की सीमा पर बसे हैं।
रविवार
को उनका सपना साकार हो गया। गांव में बिजली पहुंचने के बाद बल्ब जलते ही
यहां के लोगों ने� नाते-रिश्तेदारों को बिजली आने की सूचना दी।
सबसे
ज्यादा खुशी यहां के उन छात्रों और छात्राओं को हुई,जिन्हें हाल में ही
लैपटॉप� मिला है और वह इस चार्ज करने के लिए पड़ोस के गांव जाते थे। अब
उन्हें इस समस्या से निजात मिल गई है।
कार्यक्रम में निगोहां के
प्रधान अजय सिंह, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष रामस्वरूप यादव, अमरेन्द्र यादव
सहित पास पड़ोस के गांवों के लोग उपस्थित रहे।