मनरेगा से टिकाऊ परिसंपत्तियों के कार्य कराने से जुड़ा केंद्र का निर्देश प्रदेश के अफसरों को काम का कम दिखावा ज्यादा लग रहा है।
केंद्र ने जहां प्रदेश को मनरेगा से टिकाऊ परिसंपत्तियों के निर्माण की इजाजत देते हुए उम्मीद जताई है कि वह इसके जरिए वर्ष 2013-14 के लिए मजदूरों को आवश्यक काम उपलब्ध करा सकेगा।
वहीं प्रदेश के अफसरों का तर्क है कि जब तक केंद्रीय एक्ट में ऐसे कामों को शामिल नहीं किया जाता तब तक इस निर्देश का क्रियान्वयन उचित नहीं है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने हाल में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखा है। इसमें मनरेगा से टिकाऊ निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति देने की बात कही गई है।
जयराम ने कहा है कि ऐसे कार्र्यों से पिछड़े क्षेत्रों की आजीविका को सहायता मिलेगी। उन्होंने अनुमान लगाया है कि यूपी को 2013-14 के लिए 1585.87 लाख श्रम दिवसों के लिए स्वीकृत श्रम बजट से टिकाऊ परिसंपत्तियों का सृजन किया जा सकेगा। इसके लिए 542.37 करोड़ रुपये उपलब्ध होंगे।
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इस पर मनरेगा से जुड़े प्रदेश सरकार के अधिकारी बताते हैं कि केंद्र ने टिकाऊ परिसंपत्तियों के कार्य कराने की बात तो कह दी लेकिन इसके अंतर्गत कौन-कौन से काम कराए जा सकते हैं, इसका उल्लेख नहीं किया गया है।
दूसरे, इस तरह के कार्यों को मनरेगा एक्ट में भी शामिल किया जाना चाहिए। यह काम केंद्र को ही करना है। इसके बाद ही इस तरह के काम कराए जा सकते हैं। इस संबंध में प्रदेश की ओर से केंद्र को जल्दी ही पत्र लिखे जाने के संकेत हैं।