प्याज 90 रूपए किलो तक पहुंचा, सरकार कर सकती है आयात

नई दिल्ली। देश के प्रमुख शहरों में
प्याज का दाम आज अब तक के उच्च स्तर 90 रूपए प्रति किलो तक पहुंच गया। इसको
देखते हुए सरकार इसके आयात पर विचार करने लगी है।

 

कृत्रिम कमी के लिए व्यापारियों को दोष देते हुए सरकार ने आज कहा कि वह
कीमत स्थिर होने तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाएगी। हालांकि इस पर
तत्काल प्रतिबंध से इनकार किया।

प्रमुख शहरों में प्याज का दाम 90 रूपए किलो तक पहुंच गया हालांकि थोक
बाजार में इसका भाव 50 से 60 रूपए किलो है। इससे पहले, 2010 में प्याज 85
रूपए किलो तक पहुंच गया था।

मदर डेयरी की दुकानों पर प्याज की कीमत 68 रूपए किलो जबकि मुंबई में
कीमत 70 से 80 रूपए किलो है। दिल्ली के कुछ इलाकों में प्याज का दाम 90
रूपए किलो तक पहुंच गया है।

चंडीगढ़ और पटना से मिली खबर के अनुसार स्थायी विक्रेता प्याज 80 से 90 रूपए किलो के भाव पर बेच रहे हैं।

कीमत में तेजी से चिंतित केन्द्र ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए राज्यों से जमाखोरों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने को कहा है।

इस मुद्दे पर कृषि मंत्री शरद पवार से चर्चा के बाद खाद्य मंत्री के वी
थामस ने कहा कि निर्यात को प्रतिबंधित करने की कोई योजना नहीं है। हालांकि

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि केन्द्र निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है।

वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा, ‘‘देश में प्याज का काफी भंडार है।
राज्य सरकारों को जमाखोरों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए जिसके कारण
इसकी कृत्रिम कमी हुई है और कीमत में जबर्दस्त तेजी आयी है।’’

शर्मा ने कहा, ‘‘अगर जरूरत पड़ी या संकट से निपटने के लिए प्रस्ताव आता है तो तो हम प्याज का आयात करेंगे।’’

थामस ने कहा, ‘‘हम मिस्र, चीन तथा पाकिस्तान से तत्काल प्याज के आयात पर
विचार कर रहे हैं। पवार पहले ही नाफेड को आयात की संभावना पर विचार करने
का निर्देश दे चुके हैं।’’

उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र, गुजरात तथा राजस्थान जैसे प्रमुख
उत्पादक राज्यों में बेमौसमी बारिश से प्याज के दाम में तेजी आयी।

थामस ने कहा, ‘‘मैंने प्याज के मुद्दे पर कृषि मंत्री से चर्चा की है।
खरीफ फसल अक्तूबर के पहले सप्ताह तक बाजार में आ जानी चाहिए थी लेकिन
बेमौसम बारिश के कारण ऐसा नहीं हो पाया।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार निर्यात पर प्रतिबंध लगाएगी, खाद्य
मंत्री ने कहा, ‘‘हम पहले ही न्यूनतम निर्यात मूल्य बढ़ा चुके हैं। अगर आप
प्रतिबंध लगाते हैं, राजनीतिक रूप से यह सही होगा लेकिन आर्थिक रूप से नहीं
क्योंकि कोई भी देश हम पर विश्वास नहीं करेगा।’’

(भाषा)

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