अगले वर्ष
2014 के दौरान देश में दूध का उत्पादन 4.5 फीसदी बढ़कर 1406 लाख टन तक
पहुंचने की संभावना है। अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) की रिपोर्ट के अनुसार
इस साल मानसून सामान्य रहने से दुग्ध उत्पादन बढ़ सकता है। इसके अलावा
उपभोक्ताओं की आय बढऩे से मांग में इजाफा से भी दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा
मिलेगा।
दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता व उत्पादक देश भारत में चालू वर्ष 2013 के दौरान दूध का उत्पादन कुछ कम रहने का अनुमान है।
इस साल 1345 लाख टन दूध का उत्पादन होने का अनुमान है। यूएसडीए की ताजा
रिपोर्ट के अनुसार दूध के फार्म-गेट मूल्य में इजाफा और वैल्यू एडेड
प्रोडक्ट की मांग में सुधार से दुग्ध उत्पादन अगले साल बढ़ेगा। डेयरी
प्रोसेसिंग क्षेत्र में प्राइवेट निवेश बढऩे से भी उद्योग को बढ़ावा मिल
रहा है। रिपोर्ट के अनुसार अगले साल 1406 लाख टन दूध का उत्पादन होने की
संभावना है।
इसके अलावा आलोच्य अवधि में नॉन फैट ड्राई मिल्क (एनएफडीएम) का उत्पादन
19,000 टन बढ़कर 489000 टन हो सकता है। इसके अलावा बटर और देसी घी का
उत्पादन इस दौरान तीन फीसदी बढ़कर 48.8 लाख टन के स्तर पर पहुंच सकता है।
इस साल इन उत्पादों का उत्पादन 47.4 लाख टन रहने का अनुमान है।
यूएसडीए के मुताबिक अगले साल दुग्ध उत्पादन के साथ खपत भी इसी अनुपात
में बढऩे की संभावना है। देश में 425,000 टन ड्राई मिल्क की खपत होने के
आसार हैं। इसके चलते अगले साल भारत से ज्यादा मिल्क पाउडर का निर्यात हो
सकेगा और आयात में कमी आएगी।
उद्योग अनुमानों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक दशक से
देश में दुग्ध व दुग्ध उत्पादों का बाजार 6.8 फीसदी की दर से बढ़ रहा है।
देश में उपभोक्ताओं की आय में इजाफा होने के कारण उनकी खपत तेजी से बढ़ रही
है। इससे दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है।