वालमार्ट को एफडीआई मामले में क्लीन चिट

ईडी ने कहा, भारती एंटरप्राइजेज में वालमार्ट के निवेश से विदेशी मुद्रा कानूनों का नहीं हुआ है उल्लंघन

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अमेरिका की दिग्गज बहुराष्ट्रीय रिटेल
कंपनी वालमार्ट को एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) गाइडलाइंस के उल्लंघन
मामले में क्लीन चिट दे दी है। घरेलू सुपरमार्केट चेन भारती एंटरप्राइजेज
में वालमार्ट के निवेश से विदेशी मुद्रा कानूनों का कथित तौर पर उल्लंघन
होने के मामले की जांच ईडी ने की है।

इस जांच से वाकिफ सूत्रों ने गुरुवार को बताया, ‘प्रवर्तन निदेशालय का
यही मानना है कि इस मामले में विदेशी मुद्रा कानूनों का उल्लंघन नहीं हुआ
है। मालूम हो कि सरकार ने हाल ही में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा)
और मल्टी ब्रांड रिटेल सेक्टर का नियमन करने वाली एफडीआई गाइडलाइंस में
संशोधन किए हैं।

‘ सूत्रों ने बताया, ‘ईडी द्वारा अब इस मामले की जांच को आगे बढ़ाए जाने
का कोई ठोस आधार नजर नहीं आ रहा है। आरबीआई की ओर से इस मामले मेें जब तक
कुछ नए निर्देश न आ जाएं, तब तक इस जांच को आगे बढ़ाने की जरूरत संभवत:
नहीं है।’

सीपीआई के राज्यसभा सदस्य एम.पी. अच्युतन द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन
सिंह को पत्र लिखे जाने के बाद ही उपर्युक्त मामले की जांच ईडी द्वारा
कराने का आदेश दिया गया था। अपने इस पत्र में अच्युतन ने आरोप लगाया था कि
वालमार्ट की एक यूनिट ने वर्ष 2010 में सेडार सपोर्ट सर्विसेज लि. में 10
करोड़ डॉलर मूल्य के कंपलसरी कन्वर्टिबल डिबेंचर खरीदे थे।

सेडार सपोर्ट सर्विसेज दरअसल होल्डिंग कंपनी है जिसके जरिए भारती मल्टी
ब्रांड रिटेल चेन ‘ईजीडे’ का नियंत्रण अपने हाथों में रखी हुई है। यह पत्र
मिलने के बाद रिजर्व बैंक ने पिछले साल नवंबर महीने में केंद्रीय जांच
एजेंसी ईडी से इन आरोपों की जांच करने को कहा था। सूत्रों ने बताया कि ईडी
ने अपनी जांच के निष्कर्षों से आरबीआई को वाकिफ करा दिया है।

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