नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। देश में पिछले 14 वर्ष में आए अब तक
के सबसे बड़े चक्रवाती तूफान फेलिन से ज्यादा लोग हताहत तो नहीं हुए, लेकिन
यह अपने पीछे बड़ी तबाही के निशान छोड़ गया है। फेलिन से हुआ नुकसान बता रहा
है कि अगर सही समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर नहीं पहुंचाया जाता, तो
यह 1999 में ओडिशा में तबाही मचाने वाले चक्रवात से कहीं ज्यादा
नुकसानदायक साबित हो सकता था। शुरुआती आकलन के मुताबिक फेलिन के कारण सबसे
ज्यादा नुकसान ओडिशा के तटवर्ती जिलों और खासकर गंजाम में हुआ। आंध्र
प्रदेश में भी तूफान ने अपना असर छोड़ा है। दोनों राज्यों में अब 23 लोगों
के मारे जाने की सूचना है।
ओडिशा के राजस्व मंत्री एएसन पात्रो ने बताया कि राज्य के 12 जिलों में
14 हजार 514 गांवों के 80 लाख से ज्यादा लोग फेलिन से प्रभावित हुए हैं।
तूफान से दो लाख 34 हजार मकानों को नुकसान पहुंचा है और 8.73 लाख लोगों को
सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। राज्य के पांच लाख हेक्टेयर में
2,400 करोड़ रुपये की फसलें नष्ट हो गई हैं। केंद्र सरकार में एक वरिष्ठ
अधिकारी का कहना है कि सही समय पर अब तक का सबसे बड़ा बचाव अभियान चलाकर
लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था, वरना हताहतों की
संख्या बहुत ज्यादा हो सकती थी। शनिवार रात ओडिशा के गोपालपुर में जब हवाओं
की रफ्तार 220 किमी प्रति घंटा पहुंची, तो सभी दूरसंचार माध्यमों ने काम
करना बंद कर दिया था। पनामा का मालवाहक जहाज एमवी बिंगो आठ हजार टन लौह
अयस्क के साथ डूब गया। हालांकि, चालक दल के सभी सदस्य लाइफवोट के जरिये
सुरक्षित बच निकले। ओडिशा में अभियान चलाकर 8.73 लाख लोगों को जोखिम वाले
इलाकों से निकाल लिया गया था। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के
उपाध्यक्ष एम. शशिधर रेड्डी अभियान से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि सबसे
पहले तूफान की चपेट में आए गोपालपुर से 90-95 फीसद लोगों को निकाल लिया गया
था। रक्षा व अर्द्धसैनिक बल के जवानों को राहत व पुनर्वास कार्य शुरू
करने के लिए प्रभावित इलाकों में भेज दिया गया है।
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने कहा कि उनकी प्राथमिकता लोगों का जीवन
बचाना था, जिसमें वह सफल हुए। गोपालपुर में स्थित सेना वायुसेना रक्षा
प्रतिष्ठान ने तूफान के सीधे रास्ते में पड़ने वाले चार गांवों के लोगों को
बचाया। ग्रामीणों को प्रतिष्ठान परिसर मं शरण दी गई। आंध्र प्रदेश में एक
दीवार ढहने से एक 60 वर्षीय बुजुर्ग और राहत शिविर में एक 27 वर्षीय युवक
की मौत हो गई। श्रीकाकुलम, विजयनगर और विशाखापत्तनम के राहत शिविरों में
करीब डेढ़ लाख लोग मौजूद हैं। यहां भी करोड़ों की फसल का नुकसान हुआ है। इस
बीच, नौसेना के जहाज रणविजय और जलाश्व विशाखापत्तनम से अलर्ट के इंतजार में
तैयार हैं। गोपालपुर में नेसैाना के गोताखोरों के छह दल भी तैनात हैं।
वहीं दस दल आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में तैयार हैं। आंध्र के
मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि जल्द ही राज्यस्तरीय आपदा
प्रबंधन बल का गठन करलिया जाएगा। वहीं, उन्होंने युद्धस्तर पर राहत कार्य
शुरू करने का आदेश दे दिया है।