कार्यकर्ता महाकुंभ के लिए थे हजारों जवान और नवमी पूजन के लिए सिर्फ 60

भोपाल, नई दुनिया ब्यूरो। भाजपा के पिछले महीने हुए कार्यकर्ता महाकुंभ में जहां पांच हजार जवानों का बल तैनात किया गया था, वहीं नवमी पूजन के लिए रतनगढ़ मंदिर पहुंचने वाले करीब पांच लाख श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मात्र 60 पुलिसकर्मियों को लगाया गया था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस और प्रशासन ने रतनगढ़ मंदिर की व्यवस्था को कितनी गंभीरता से लिया।

भाजपा के कार्यकर्ता महाकुंभ में पुलिस ने जो इंतजाम किए थे, उसकी कमान आइजी उपेंद्र जैन को सौंपी गई थी। आइजी के अलावा महाकुंभ में 12 आइपीएस अफसरों और राज्य पुलिस सेवा के 60 अफसरों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी। 250 निरीक्षकों के साथ पांच हजार जवानों को सुरक्षा में लगाया गया था। लोगों के आने-जाने के लिए कई प्रवेश द्वार बनाए गए थे। वहीं दतिया जिले के रतनगढ़ मंदिर में हर साल नवमी को होने पूजन में आसपास के अलावा उत्तर प्रदेश से भी लाखों श्रद्धालु आते हैं, यह स्थानीय प्रशासन और पुलिस को पता होता है। बावजूद इसके सुरक्षा व्यवस्था में कोताही बरती गई।

कलेक्टर छुट्टी पर, कमिश्नर विदेश में :-मध्य प्रदेश में होने वाले चुनावों के मद्देनजर आचार संहित लागू है, जिसके चलते सरकारी मशीनरी पूरी तरह से मदहोश है। दतिया जिले के कलेक्टर संकेत भोंडवे रविवार को अवकाश पर थे तो ग्वालियर-चंबल संभाग के कमिश्नर केके खरे विदेश में हैं। एसपी चंद्रशेखर सोलंकी भी काफी देर बाद घटनास्थल पर पहुंचे।

निर्वाचन आयोग का मुंह ताकना पड़ा :-हादसे के बाद राहत और मुआवजे की तत्काल घोषणा करने के लिए सरकार को निर्वाचन आयोग का मुंह ताकना पड़ा। प्रदेश में चुनाव आचार संहिता प्रभावी होने के कारण इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आयोग की अनुमति लेना जरूरी थी। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव ने इस संबंध में निर्वाचन आयुक्त से संपर्क कर मौखिक मंजूरी हासिल की। फिर कहीं जाकर मुआवजे की घोषणा की।

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