थॉयराइड बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी बनता जा रहा है क्योंकि देश में हर दस वयस्कों में एक हाइपोथॉयराडिज्म का शिकार है। इस विषय पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार 4.2 करोड़ भारतीय थॉयराइड संबंधित बीमारियों से ग्रस्त है। जिनमें 60 फीसदी महिलाएं हैं।
हाइपोथॉयराडिज्म बीमारी इन दिनों काफी देखने में आ रही है और हर दस व्यक्ति में से एक इसका शिकार है। पैंतीस साल से अधिक उम्र के लोगों पर इससे कम उम्र वालों की तुलना में इस बीमारी का अधिक जोखिम होता है। अध्ययन के मुताबिक पुरुषों की तुलना में महिलाओं खासकर 46-54 साल उम्रवर्ग की महिलाओं के इससे प्रभावित होने की संभावना तीन गुणा अधिक है।
यदि इसका इलाज नहीं कराया गया तो इससे कॉलेस्ट्रल स्तर बढ़ सकता है, रक्तदाब बढ़ सकता है, हदय संबंधी परेशानियां तेज हो सकती है, प्रजनन क्षमता घट सकती है।