नई दिल्ली। भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने कहा है कि प्रिंट मीडिया क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पीसीआई से प्रिंट मीडिया में एफडीआई सीमा में बढ़ोतरी का मुद्दा देखने को कहा था।
सूत्रों ने कहा कि परिषद द्वारा नियुक्त उप समिति विभिन्न सदस्यों से राय लेने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि एफडीआई सीमा बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है। प्रेस परिषद ने मंत्रालय को पत्र लिखकर उप समिति के विचारों से अवगत कराया है। प्रेस परिषद ने मंत्रालय से कहा है कि जबकि गृह मंत्रालय इस तरह के किसी कदम का विरोध कर रहा है, ऐसे में एफडीआई सीमा बढ़ाने की कोई बहुत जरूरत नहीं है।
प्रेस परिषद ने 2005 में भी इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया था और निष्कर्ष निकाला था कि प्रिंट मीडिया में एफडीआई सीमा बढ़ाने की जरूरत नहीं है। फिलहाल प्रिंट मीडिया में एफडीआई की सीमा 26 प्रतिशत है। वाणिज्य मंत्रालय ने इसे बढ़ाकर 49 फीसद करने का प्रस्ताव किया है।
गृह मंत्रालय ने प्रसारण और प्रिंट मीडिया में एफडीआई सीमा बढ़ाने की किसी भी पहल का कड़ा विरोध किया है। मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह के संवेदनशील क्षेत्र में विदेशी निवेश बढ़ाने से देश की सुरक्षा के साथ समझौता करना होगा।
‘दि इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) ने हालांकि, प्रिंट मीडिया में एफडीआई सीमा को 49 प्रतिशत तक बढ़ाने का समर्थन किया है। सोसायटी ने कहा है कि मीडिया कंपनियों को धन की आवश्यकता है क्योंकि क्षेत्र में वृद्धि की काफी संभावनायें हैं।
(भाषा)