चिंताजनक विरोधाभास – अगस्त
महीने में खाद्य मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 18.18 प्रतिशत हो गई है जबकि इस
दौरान सामान्य मुद्रास्फीति 6.1 फीसदी रही। खाद्यान्न की पैदावार लगातार
बढ़ रही है तथा केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का भरपूर स्टॉक उपलब्ध है, इसके
बावजूद खाद्य महंगाई दर ऊंची बनी हुई है, जो चिंताजनक है। -प्रो. के. वी. थॉमस, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
अगस्त में खाद्य महंगाई की दर 18 फीसदी से ज्यादा रही
खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं के बिक्री भाव तय
करने के लिए केंद्र सरकार ने खाद्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन
किया है।
खाद्य एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रो. के वी
थॉमस ने बुधवार को यहां रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन की 73वीं सालाना बैठक
में कहा कि खाद्यान्न की अधिक पैदावार और भरपूर स्टॉक के बावजूद खाद्यान्न
की ऊंची महंगाई दर की सरकार समीक्षा कर रही है।
अगस्त महीने में खाद्य मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 18.18 प्रतिशत हो गई है जबकि इस दौरान सामान्य मुद्रास्फीति 6.1 फीसदी रही है।
खाद्यान्न की पैदावार लगातार बढ़ रही है तथा केंद्रीय पूल में खाद्यान्न
का भरपूर स्टॉक उपलब्ध है, इसके बावजूद खाद्य महंगाई दर ऊंची बनी हुई है,
जो चिंताजनक है। सरकार इसकी समीक्षा कर रही है। थॉमस ने कहा कि खुले बाजार
में गेहूं के बिक्री भाव तय करने के लिए खाद्य सचिव की अध्यक्षता में गठित
समिति कीमतों के साथ ही मात्रा, परिवहन खर्च आदि की भी समीक्षा करेगी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं
और चावल की खरीद सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में आवंटन के लिए करती
है।
केंद्र सरकार ने रोलर फ्लोर मिलों को ओएमएसएस में बल्क कंज्यूमर के लिए 85 लाख टन गेहूं का आवंटन किया है।
थॉमस ने कहा कि रोलर फ्लोर मिलर्स की मांग को मानते हुए सरकार ने
ओएमएसएस के तहत अब गेहूं की बिक्री राज्यों के आधार पर करने का फैसला किया
है। इसकी बिक्री 1,500 रुपये प्रति क्विंटल पर होगी। लेकिन इसके साथ
लुधियाना से संबंधित राज्य की राजधानी तक का रेलवे परिवहन खर्च जोड़कर
न्यूनतम बिक्री मूल्य तय किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अभी तक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई ओएमएसएस के तहत
गेहूं की बिक्री पंजाब और हरियाणा से कर रही थी तथा रोलर फ्लोर मिलों के
लिए निविदा भरने का न्यूनतम दाम 1,500 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
इस अवसर पर खाद्य सचिव ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता पीडीएस में
खाद्यान्न आवंटन की है इसलिए रोलर फ्लोर मिलों को सरकार से आर्थिक सहायता
की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए।
केंद्रीय पूल में 589.3 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद है, इसमें 383
लाख टन चावल और 205 लाख टन गेहूं है। पिछले साल देश में 25.53 करोड़ टन
खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था। इस दौरान गेहूं का उत्पादन 924.6 लाख टन का
हुआ था।