नई दिल्ली : रघुराम राजन समिति की रपट में
गरीब राज्यों को अतिरिक्त सहायता देने के लिये उन्हें ‘विशेष श्रेणी’ का
दर्जा देने संबंधी मानदंड को समाप्त कर राज्यों को तीन विभिन्न श्रेणियों
में बांटने की वकालत की गई है।
गरीब राज्यों को अतिरिक्त सहायता देने के लिये उन्हें ‘विशेष श्रेणी’ का
दर्जा देने संबंधी मानदंड को समाप्त कर राज्यों को तीन विभिन्न श्रेणियों
में बांटने की वकालत की गई है।
रपट में गोवा व केरल को सबसे ज्यादा विकसित राज्य और ओडिशा व बिहार को
सबसे कम विकसित राज्य करार दिया गया है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा
दिये जाने की मांग के बीच सरकार ने तत्कालीन मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम
राजन (अब रिजर्व बैंक के गवर्नर) की अध्यक्षता वाली इस समिति का गठन किया
था। समिति ने राज्यों को धन उपलब्ध कराने के लिये बहु आयामी सूचकांक
(एमडीआई) की नई प्रणाली अपनाने का सुझाव दिया है।
सबसे कम विकसित राज्य करार दिया गया है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा
दिये जाने की मांग के बीच सरकार ने तत्कालीन मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम
राजन (अब रिजर्व बैंक के गवर्नर) की अध्यक्षता वाली इस समिति का गठन किया
था। समिति ने राज्यों को धन उपलब्ध कराने के लिये बहु आयामी सूचकांक
(एमडीआई) की नई प्रणाली अपनाने का सुझाव दिया है।
वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने रपट का ब्योरा देते हुए गुरुवार को कहा कि
समिति ने एमडीआई के आंकड़ों के आधार पर 28 राज्यों को – अल्प विकसित, कम
विकसित और अपेक्षाकृत विकसित – तीन श्रेणियों में बांटने का सुझाव दिया है।
समिति ने एमडीआई के आंकड़ों के आधार पर 28 राज्यों को – अल्प विकसित, कम
विकसित और अपेक्षाकृत विकसित – तीन श्रेणियों में बांटने का सुझाव दिया है।
धन आवंटन के संबंध में रपट में सुझाव दिया गया है कि हर राज्य को
विकास जरूरत और विकास के क्षेत्र में प्रदर्शन के आधार पर कुछ धन का
सुनिश्चित आवंटन और अतिरिक्त आवंटन किया जाना चाहिए।
विकास जरूरत और विकास के क्षेत्र में प्रदर्शन के आधार पर कुछ धन का
सुनिश्चित आवंटन और अतिरिक्त आवंटन किया जाना चाहिए।