संयुक्त राष्ट्र। भारत ने कहा है कि 2015 के बाद का विकास एजेंडा भूख और
गरीबी उन्मूलन पर केंद्रित होना चाहिए और इसके अलावा इसमें खाद्य सुरक्षा
और आधुनिक ऊर्जा सेवाओं की सार्वभौमिक पहुंच को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कल यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर
आयोजित उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि
‘‘वर्ष 2015 के बाद का विकास एजेंडे में सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों के
अधूरे कार्यों को आगे बढ़ाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2015 के बाद विकास एजेंडे को तैयार करते हुए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह रियो नीतियों पर अधारित हो , साथ ही उसमें
साझा लेकिन विवेधात्मक जिम्मेदारियां भी शामिल होनी चाहिए जिसकी रियो प्लस
20 (सतत विकास पर संयुक्त राष्ट्र का सम्मेलन) में पुन: पुष्टि की जा चुकी
है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रियो प्लस 20 में विश्व के नेता इस बात पर सहमत
हुए थे कि गरीबी ना केवल सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती है बल्कि गरीबी निवारण
सतत विकास के लिए अनिवार्य आवश्यकता है। इसलिए 2015 के बाद के विकास एजेंडा
में भूख और गरीबी का हमेशा के लिए उन्मूलन का एजेंडा प्रमुख स्थान पर होना
चाहिए।’’
(भाषा)
गरीबी उन्मूलन पर केंद्रित होना चाहिए और इसके अलावा इसमें खाद्य सुरक्षा
और आधुनिक ऊर्जा सेवाओं की सार्वभौमिक पहुंच को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कल यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर
आयोजित उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि
‘‘वर्ष 2015 के बाद का विकास एजेंडे में सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों के
अधूरे कार्यों को आगे बढ़ाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2015 के बाद विकास एजेंडे को तैयार करते हुए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह रियो नीतियों पर अधारित हो , साथ ही उसमें
साझा लेकिन विवेधात्मक जिम्मेदारियां भी शामिल होनी चाहिए जिसकी रियो प्लस
20 (सतत विकास पर संयुक्त राष्ट्र का सम्मेलन) में पुन: पुष्टि की जा चुकी
है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रियो प्लस 20 में विश्व के नेता इस बात पर सहमत
हुए थे कि गरीबी ना केवल सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती है बल्कि गरीबी निवारण
सतत विकास के लिए अनिवार्य आवश्यकता है। इसलिए 2015 के बाद के विकास एजेंडा
में भूख और गरीबी का हमेशा के लिए उन्मूलन का एजेंडा प्रमुख स्थान पर होना
चाहिए।’’
(भाषा)