नई दिल्ली। इस बार देश में मानसून की अच्छी वर्षा के चालते खरीफ (गरमी की) फसलों का उत्पादन 12 करोड़ 93.2 लाख टन हो जाने का अनुमान है। यह पिछले साल की तुलना में थोड़ा ज्यादा है।
देश के आधे से भी अधिक भाग में मानसून सामान्य रहा है। कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि, वर्ष 2013..14 में खरीफ में कुल खाद्यान्न उत्पादन पिछले वर्ष के मुकाबले निश्चित तौर पर अधिक होगा। इस बार करीब 12 करोड़ 93.2 लाख टन खरीफ उत्पादन होने की उम्मीद है।
पिछले साल ख्रीफ उत्पादन करीब 12.82 करोड़ टन था। खरीफ सत्र की बुवाई जून में दक्षिण पश्चिम मानसून के साथ शुरू होती है और कटाई अक्तूबर से शुरू होती है।
खरीफ उत्पादन के बारे में लक्ष्य 13.05 करोड़ टन है। इस तरह कृषि मंत्री का आज का प्रारंभिक अनुमान लक्ष्य से कम है।
प्रमुख खरीफ फसलों में चावल, दलहन, कपास, मक्का और सोयाबीन आते हैं।
पवार ने कहा कि धान का उत्पादन पिछले साल के नौ करोड़ 27.6 लाख टन से ऊपर रहने की उम्मीद है क्योंकि मानसून की बेहतर बरसात ने रकबा और उपज की संभावना बेहतर हुई है। धान खरीफ की मुख्य फसल है। कृषि मंत्री ने इसके उत्पादन के बारे में अलग से कोई प्रारंभिक अनुमान जारी नहीं किया।
उन्होंने कहा कि गन्ना को छोड़कर, बाकी खरीफ फसलों के उत्पादन का परिदृश्य बेहतर मालूम देता है। गन्ने की बुवाई कम हुई है।
उन्होंने कहा कि फसलवार उत्पादन की भविष्यवाणी कल की जायेगी। वर्ष 2013..14 के लिए खरीफ उत्पादन का पहला अग्रिम अनुमान कल जारी किया जायेगा।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार जून से सितंबर मानसून सत्र के दौरान देश के 53 प्रतिशत भागों में सामान्य बरसात हुई जबकि देश के एक तिहाई भाग में अतिरिक्त बरसात हुई।
कृषि मंत्रालय ने रबी (जाड़े) के मौसम में 12.85 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का अनुमान लगाया है।
भाषा