नयी दिल्ली:देश की 67 %आबादी को सब्सिडी प्राप्त खाद्यान्न का कानूनी
अधिकार दिलाने का लक्ष्य रखनेवाले महत्वपूर्ण खाद्य सुरक्षा बिल को गुरुवार
को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गयी. खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने कहा, कानून
को जल्द ही सरकारी राजपत्र में अधिसूचित किया जायेगा. कानून प्रति व्यक्ति
प्रत्येक माह पांच किलो चावल, गेहूं, मोटा अनाज क्रमश: तीन, दो और एक
रुपये की दर से देने की गारंटी करता है.
केंद्र ने योजना को लागू करने के संदर्भ में नियम कानूनों पर विचार-विमर्श
के लिए तीन अक्तूबर से प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों की बैठक बुलायी है. योजना
को यूपीए सरकार के संदर्भ में गेमचेंजर माना जा रहा है. लोकसभा ने विधेयक
को 26 अगस्त को पारित कर दिया था. राज्यसभा में इस विधेयक को दो सितंबर को
मंजूरी दी गयी. खाद्य सुरक्षा कानून को सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी पाला
गेमचेंजर के रूप में देख रही है. विपक्षी दल इसे वर्ष 2014 आम चुनाव से
पहले राजनीतिक हथकंडा बता रहा है. भारत अब उन कुछ देशों में शामिल हो गया,
जो आबादी के बहुलांश को भोजन की गारंटी प्रदान करता है.