पटना: बिहार में इस साल फूड सिक्यूरिटी एक्ट लागू
नहीं होगा. अगले साल यह कब लागू होगा, इस पर एक -दो महीने बाद निर्णय लिया
जायेगा. सोमवार को जनता के दरबार के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में इसे प्रभावकारी तरीके से लागू
करना है. जिस दिन से यह एक्ट लागू होगा, उसी दिन से लाभुकों को खाद्य
सुरक्षा का कानूनी अधिकार प्राप्त हो जायेगा. इसलिए इसे लागू होने के पहले
कई काम करने होंगे. पूरी प्रक्रिया में कम- से- कम चार-छह महीने का समय
लगेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि फूड सिक्यूरिटी एक्ट लागू करने के पहले
लाभार्थियों की पहचान करनी होगी. राज्य में सामाजिक- आर्थिक एवं जाति
आधारित जनगणना का काम चल रहा है. इस गणना के प्रारंभिक डाटा का उपयोग
लाभार्थियों की पहचान के लिए किया जायेगा.
फिर इसमें समावेशी जोड़ा जायेगा. एक्ट के अनुसार शहरी क्षेत्र में 75
फीसदी और ग्रामीण इलाके में 85 फीसदी आबादी को एक्ट से लाभ मिलना है.
जिन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा, उन मानकों की पहचान की जायेगी. इस मापदंड को
फिर सार्वजनिक किया जायेगा, ताकि लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे सकें.
जनवितरण प्रणाली की दुकानों की संख्या बढ़ानी होगी. पैक्स या स्वयं सहायता
समूह को पीडीएस की जिम्मेवारी दी जानी है.
निगरानी समिति एवं फूड सिक्यूरिटी कमीशन का गठन करना होगा. राशन कार्ड
बनाने होंगे. एक्ट को लागू करने के लिए सरकार के स्तर पर जोर-शोर से तैयारी
चल रही है. नगर विकास, ग्रामीण विकास व खाद्य आपूर्ति विभाग के
सचिव/प्रधान सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनी हुई है. मेरे स्तर पर समीक्षा
हो रही है. राज्य में बाढ़ की स्थिति पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा का
पानी कम हो रहा है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देखते हुए मुख्य सचिव के
स्तर पर समीक्षा हुई है. मंगलवार को मेरे स्तर पर समीक्षा होगी. वैसे
हाइअलर्ट जारी है. मौसम विभाग का एक पूर्वानुमान आया है कि खतरा फिलहाल टल
गया है. फिर भी सरकार के स्तर पर पूरी तैयारी है.