जागरण प्रतिनिधि, कालसी: सरकारी उपेक्षा से खिन्न खतार, कोफ्टी, समाया,
भुक्तार गांव के ग्रामीणों को खुद ही बेलचा, कुदाली, गेंती, फावड़ा, संबल
उठाना पड़ गया। ग्रामीणों ने बेसोगिलानी खड्ड से रावटा खान तक श्रमदान कर एक
किलोमीटर मार्ग खुद ही ठीक किया। थैना महासू मंदिर में जागड़ा पर्व को
देखते हुए ग्रामीणों को खुद ही श्रमदान का निर्णय लेना पड़ा।
लंबे समय से ग्रामीण बेसोगिलानी से थैना मंदिर तक पक्की रोड की मांग कर
रहे हैं, रोड स्वीकृत हुए तीन साल होने के बाद भी न बनने पर चार गांवों के
ग्रामीणों को खुद ही श्रमदान को औजार उठाने पड़े। ग्रामीण रूप सिंह चौहान,
गोपाल चौहान, मुन्ना सिंह, संजय सिंह, अतर सिंह खन्ना, शूरवीर सिंह, जवाहर
सिंह, सरदार सिंह, राजेंद्र सिंह, गजेंद्र सिंह तोमर, बिशन सिंह, श्याम
सिंह, नागचंद बिष्ट, महेंद्र सिंह, भोलादास, माणक दास, भोला दास, असोदिया
आदि ने बेसोगिलानी खड्ड से रावटा खान तक श्रमदान कर एक किलोमीटर मार्ग ठीक
किया। इससे थैना मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कत न हो सके।
ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2010 में बेसोगिलानी से थैना महासू मंदिर तक
मार्ग स्वीकृत होने के बाद भी लोनिवि लापरवाह बना हुआ है। हजारों श्रद्धालु
आने के बाद भी सरकार इस क्षेत्र की उपेक्षा कर रही है। बेसोगिलानी से थैना
मंदिर तक लोगों को पांच किलोमीटर का रास्ता नापना पड़ता है।
उधर, लोनिवि के अधिशासी अभियंता मुकेश परमार का कहना है कि अभी तक इस
मार्ग का एलाइमेंट नहीं बन पाया है, जिस कारण कटिंग नहीं हो पाई है। बरसात
बाद इस मार्ग का निर्माण कराया जाएगा।