सरकार के तर्क
पैदावार कम होने से मूल्य में हुई बढ़ोतरी
हर साल इन दिनों सुलभता घटने से आती है तेजी
महाराष्ट्र से सप्लाई सुधारने के लिए प्रयास
तेजी आने के बाद दाम घटे हैं प्याज के
प्याज के मूल्य में बेतहाशा बढ़ोतरी के मसले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने
केंद्र व दिल्ली सरकार को निर्देश दिए हैं कि इसके मूल्य में कमी लाने के
लिए आवश्यक कदम उठाए जाए, जिससे आम उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी से राहत
मिल सके।
हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता पूनम जैन की जनहित याचिका पर सुनवाई
करते हुए यह निर्देश दिया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्याज के मूल्य
में बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने के मामले में सरकार निष्क्रिय रही है।
हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार व केंद्र को ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिससे
यह समस्या दूर हो सके और आम उपभोक्ताओं को राहत मिल सके।
मुख्य न्यायाधीश बी. डी. अहमद और विष्णु बाखरू ने इस याचिका की सुनवाई
की। सुनवाई में केंद्र की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजीव मेहरा ने अदालत
को आश्वासन दिया कि प्याज के मूल्य पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए गए
हैं।
इस आश्वासन के बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर दिया। कृषि
मंत्रालय के उपभोक्ता मामलात विभाग द्वारा पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट के
हवाले से मेहरा ने कहा कि प्याज के मूल्य इसके उत्पादन और सप्लाई की स्थिति
पर निर्भर करते हैं। सामान्यतया इसके दाम सितंबर से नवंबर के बीच में बढऩे
लगते हैं और जनवरी से मार्च के दौरान गिरावट आती है।
हर साल अगस्त व सितंबर में प्याज का स्टॉक घटने लगता है। अतिरिक्त
महाधिवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार से दिल्ली में
प्याज की नियमित सप्लाई सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। महाराष्ट्र देश
का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है।
हाईकोर्ट की बेंच ने मेहरा के तर्कों का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र
सरकार महाराष्ट्र से प्याज की सप्लाई बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है। इससे
मूल्य में हो रही बढ़ोतरी पर अंकुश लग सकेगा। दिल्ली सरकार की ओर से
हाईकोर्ट में उपस्थित हुई अधिवक्ता जुबेदा बेगम ने बताया कि प्याज के दाम
कुछ दिनों के लिए 60 रुपये प्रति किलो हुए थे।
इसके बाद मदर डेयरी की दुकानों पर इसके भाव घटकर 45 रुपये प्रति किलो रह
गए हैं। याचिका पूनम जैन के वकील ने कहा कि प्याज की जमाखोरी और मूल्य
वृद्धि रोकने में सरकार की विफलता के चलते आम जनता को परेशानी हो रही है।
दिल्ली में महाराष्ट्र से भी प्याज की सप्लाई काफी कम हो गई है।
लासलगांव मंडी में कारोबार फिर शुरू
नासिक – लासलगांव मंडी में व्यापारियों और अधिकारियों के बीच समझौता होने
के बाद गुरुवार को कारोबार शुरू हो गया। लासलगांव की एग्री प्रोड्यूस
मार्केट कमेटी (एपीएमसी) में बुधवार को कृषि वस्तुओं खासकर प्याज की नीलामी
नहीं हो पाई थी।
व्यापारियों की कुछ मांगों के चलते कारोबार नहीं हो सका था। कुछ लोगों
का मानना था कि प्याज के मूल्य में करीब 1000 रुपये प्रति क्विंटल की
गिरावट आने के बाद इस बहाने व्यापारी दाम बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
मूल्य में गिरावट आनेके बाद व्यापारियों का विरोध शुरू हो गया था।
(प्रेट्र)