बिझड़ी. खनन को रोकने के लिए की सख्ती के बावजूद अवैध खनन का
सिलसिला नहीं रुक रहा है। भले ही विभागों के अधिकारियों को अवैध खनन करने
वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार दे दिया है, परंतु उसके बावजूद
अवैध खनन का यह धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
अब बड़ी खड्डों के साथ-साथ खनन माफिया छोटे नालों तक अपनी जड़ें पसार
चुका है। यही नहीं ये लोग लोगों की मलकीयत भूमि से भी इस धंधे को अंजाम दे
रहें। इसके लिए प्रवासी मजदूरों के साथ जेसीबी मशीनों का प्रयोग भी किया जा
रहा है।
कहां-कहां हो रहा खनन
क्षेत्र की उन खड्डों को निशाना बनाया जा रहा है, जहां पर अकसर छोटी
गाडिय़ां नहीं पहुंच सकती हैं। इन में गारली, ख्वाजा, दंदवीं पपलोहल, सठवीं,
बगगी, होलत, गवालड़, सकरोह, झंझयानी, बल्याह ख’िजयां, देसन, खरोटा व
कुलेहड़ा शामिल हैं। इन खड्डों से रेत, बजरी व पत्थर निकाला जा रहा है।
यहां सड़कों या खड्डों के किनारे खनन माफिया द्वारा रेत व बजरी के ढेर लगाए
हुए हैं। बड़ी खड्डों में प्रशासन की नजर होने के बाद अब खनन माफिया ने
अपना रुख छोटी खड्डों की ओर कर लिया है।