पटना: बिहार में आदिम जनजातियों की जनसंख्या तेजी से घट रही है. वर्ष 2001
में 9,274 संख्या थी, जो वर्ष 2012 में घट कर 7,631 हो गयी. एससी-एसटी
कल्याण विभाग ने आदिम जनजातियों के लिए संरक्षण सह विकास योजना का प्रस्ताव
केंद्र को भेजा है, लेकिन छह माह बाद भी केंद्र ने इसे स्वीकृति नहीं दी
है.
आदिम जनजातियों की स्थिति पर अध्ययन कर पिछले साल विनोबा भावे विवि,
हजारीबाग ने रिपोर्ट तैयार की. साथ ही इनके संरक्षण व विकास के लिए सुझाव
भी दिये. रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 जिलों में आदिम जनजाति के 4,040
पुरुष व 3591 महिलाएं हैं.
इस वर्ग के 94.11 प्रतिशत लोग भूमिहीन हैं. अधिकतर मजदूरी व शिकार कर
जीवनयापन करते हैं. काफी कम लोग खेती करते हैं. साक्षरता दर 15 प्रतिशत से
कम है. नवादा के कोआकोल में पुरुष से महिलाएं अधिक साक्षर हैं. यहां 13
प्रतिशत पुरुष व 15 प्रतिशत महिलाएं साक्षर हैं.