अमेरिकी डॉलर
के मुकाबले रुपये में आई भारी गिरावट से दलहन और खाद्य तेलों का आयात
महंगा हो गया है। दालों की थोक कीमतों में पिछले दस दिनों में जहां 300 से
600 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है, वहीं आयातित खाद्य तेलों के
दाम सप्ताहभर में ही 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़े गए हैं।
ग्लोबल दाल इंडस्ट्रीज के डायरेक्टर चंद्रशेखर एस. नादर ने बताया कि
डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट बनी हुई है। बुधवार को डॉलर के
मुकाबले रुपया कमजोर होकर 65.54 के स्तर तक पहुंच गया था,
हालांकि दिन के निचले स्तर से शाम को थोड़ी रिकवरी जरूर हुई और रुपया
64.11 के स्तर पर बंद हुआ। पिछले तीन महीनों में डॉलर के मुकाबले रुपया
करीब 15 फीसदी तक कमजोर हो चुका है। इसका असर घरेलू बाजार में दलहन की
कीमतों पर पड़ रहा है।
दलहन के थोक कारोबारी निशांत मित्तल ने बताया कि आयात महंगा होने से
घरेलू बाजार में दालों की कीमतें बढ़ रही हैं। थोक बाजार में उड़द दाल का
दाम बढ़कर 5,000 से 5,600 रुपये, मूंग दाल का 6,600 रुपये, अरहर दाल का
6,400 रुपये और मसूर दाल का 5,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। चना दाल की
कीमतों में 300 रुपये की तेजी आकर शनिवार को भाव 3,500-3,700 रुपये प्रति
क्विंटल हो गए।
सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक
डॉ. बी वी मेहता ने बताया कि डॉलर की मजबूती से आयातित खाद्य तेलों के दाम
सप्ताहभर में ही 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ चुके हैं।
उन्होंने बताया कि इसका घरेलू खाद्य तेलों की कीमतों पर भी पडऩा शुरू हो
गया है।
आरबीडी पाम तेल का भाव बढ़कर बंदरगाह पर 530-540 रुपये और क्रूड पाम तेल का भाव 500-510 रुपये प्रति दस किलो हो गया।