नई दिल्ली। सरकार अब देश के अमीरों की आय पर हमला करने लेने की तैयारी
में है। बढ़ते काले धन पर शिकंजा कसने के लिए वित्त मंत्रालय अमीरों की
कमाई पर 35 फीसद तक का टैक्स लगाने का मन बना रही है। माना जा रहा है कि आज
मंत्रिमंडल द्वारा प्रत्यक्ष कर संहिता के प्रस्तावों पर विचार करने वाली
है। इन प्रस्तावों में आयकर के लिए न्यूनतम टैक्स स्लैब को 2 लाख रुपए
प्रति वर्ष ही रखने का विचार है, लेकिन दूसरे स्लैब को बढ़ाने और चौथे
स्लैब को पेश करने की तैयारी हो सकती है। इस चौथे स्लैब में 10 करोड़ रुपये
की आय वालों को शामिल किया जाएगा।
इसके अलावा, कैबिनेट में कर चोरी के तहत काले धन से जुड़े मामलों को
निपटाने के लिए स्पेशल कोर्ट को बनाने की भी योजना है। इस प्रस्तावित चौथे
स्लैब में लोगों से 35 फीसद की दर पर टैक्स वसूला जाएगा। यदि यह चौथ स्लैब
लागू हो जाता है तो सरकार के 1996-97 के तीन टैक्स स्लैब वाला निर्णय बदल
जाएगा। सरकार इतने से ही संतुष्ट नहीं होने वाली।
माना यह भी जा रहा है कि 50 करोड़ रुपये से ज्यादा नेटवर्थ वालों पर
0.25 फीसद की दर से वैल्थ टैक्स भी लगाया जाएगा। इसके अलावा, 1 करोड़ से
ज्यादा की लाभांश कमाई पर 10 फीसद की दर से कर वसूला जाएगा। कहने का
तात्पर्य यह है कि कर संहिता के इस हथियार से सुपर रिच की आय पर हमला करना
है।
वहीं, दूसरी ओर विजय केलकर की अध्यक्षता में बनी समिति ने न्यूनतम इनकम
टैक्स की शुरुआत 3 लाख रुपये से करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन वित्त
मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा था कि इससे सरकार को काफी नुकसान होगा। यदि ऐसा
होता है तो सरकारी खाते में करीब 60,000 करोड़ रुपये की कमी आ सकती है। नाइट
फ्रैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 150 करोड़ रुपये की नेटवर्थ
वाले सुपर रिच की संख्या 10 साल के दौरान दोगुनी हो जाएगी।