काम पूरा – खरीफ सीजन में 819.99 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है बुवाई
आवंटन
वर्ष 2013-14 के लिए एनएफएसएम के तहत 2,000 करोड़ रुपये का आवंटन
दलहन की पैदावार बढ़ाने के लिए 1,100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे
वर्ष 2012-13 में दालों का रिकार्ड 184.5 लाख टन उत्पादन का अनुमान
दालों के रिकार्ड उत्पादन के बावजूद आयात पर निर्भरता नहीं घटी
केंद्र सरकार दलहन और खाद्य तेलों के आयात पर निर्भरता कम करने के
लिए इनकी पैदावार बढ़ाने पर जोर देगी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन
(एनएफएसएम) के तहत वर्ष 2013-14 में केंद्र सरकार ने कुल आवंटित राशि का
आधे से ज्यादा आवंटन दलहन की पैदावार बढ़ाने के लिए किया है।
कृषि आयुक्त जे एस संधु ने बताया कि 11वीं पंचवर्षीय योजना में एनएफएसएम
के तहत गेहूं, चावल और दलहन की पैदावार बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा था। अब
गेहूं और चावल के उत्पादन में हम आत्मनिर्भर तो हैं ही, साथ ही इनका बड़ी
मात्रा में निर्यात भी कर रहे हैं।
इसलिए अब दलहन और तिलहनों की पैदावार बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया जायेगा,
ताकि आयात पर निर्भरता कम की जा सके। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013-14 के
लिए एनएफएसएम के तहत 2,000 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है। इसमें से दलहन की
पैदावार बढ़ाने के लिए 1,100 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, यह राशि
राज्यों को आवंटित की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि चालू खरीफ में मानसूनी वर्षा समय से हुई है तथा आगामी
दिनों में भी मौसम सामान्य रहने का अनुमान है। ऐसे में वर्ष 2013-14 में
देश में खाद्यान्न का रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है। वर्ष 2013-14 में
देश में 25.53 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है जोकि वर्ष 2011-12 के
मुकाबले थोड़ा कम है। वर्ष 2012-13 में देश के कई राज्यों मे सूखे जैसी
स्थिति बनने से खाद्यान्न प्रभावित हुआ है।
चालू खरीफ में 819.99 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में फसलों की बुवाई हो
चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 734.57 लाख हैक्टेयर से ज्यादा है।
वर्ष 2012-13 में देश में दालों का रिकार्ड 184.5 लाख टन उत्पादन होने का
अनुमान है तथा तिलहनों का उत्पादन भी बढ़ रहा है लेकिन आयात पर निर्भरता
फिर भी कम नहीं हो रही है।
इसलिए आगामी वर्षों में एनएफएसएम के तहत दलहन और तिलहनों का उत्पादन
बढ़ाने के लिए ज्यादा राशि का आवंटन किया जायेगा। हमें कुल खपत के करीब 50
फीसदी खाद्य तेलों का आयात करना पड़ता है साथ ही सालाना करीब 30 से 35 लाख
टन दालों का भी आयात करते हैं।
कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2012-13 में गेहूं
का उत्पादन 924.6 लाख टन होने का अनुमान है जबकि चावल का उत्पादन 10.44
करोड़ टन होने का अनुमान है। इस दौरान तिलहन उत्पादन 310.06 लाख टन होने का
अनुमान है जो वर्ष 2011-12 के 297.99 लाख टन से ज्यादा है।