पटना : मिड डे मील हादसे के बाद इसके संचालन को लेकर विभाग ने कई पहल किये हैं. इसी क्रम में मिड डे मील के रसोइयों को नियमित ट्रेनिंग देने की व्यवस्था सुनिश्चित होगी. हर जिले के 35-40 रसोइयों को मास्टर ट्रेनर बनाया जायेगा. इसके लिए इन्हें विशेष रूप से पांच दिवसीय ट्रेनिंग होटल मैनेजमेंट संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा दी जायेगी.
ये मास्टर ट्रेनर अपने जिले के अन्य रसोइयों को ट्रेनिंग देंगे, ताकि खाना बनाते समय वे साफ-सफाई, तेल, मसाला व सब्जी आदि के इस्तेमाल को लेकर सतर्क रहें. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने कहा कि विद्यालयों के किचन की भीतरी दीवार की हर माह पुताई करायी जायेगी, ताकि दीवारों पर कीड़े बिल्कुल न रहें.
कच्चे फर्श को पक्का बनाया जायेगा. वर्तमान में एक लाख 64 हजार रसोइया सह सहायक विद्यालयों में कार्यरत हैं. 67 हजार रसोइया सह सहायक की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी.
* मार्च तक बनेंगे 7276 किचेन
प्रधान सचिव ने कहा कि मार्च, 2014 तक 7276 विद्यालयों में किचन का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा. इस पर 109 करोड़ रुपये खर्च होंगे. हर किचन के निर्माण पर डेढ़ लाख रुपये खर्च आयेगा, जिसमें 60 हजार केंद्र व 90 हजार रुपये राज्य सरकार वहन करेगा. ये ऐसे विद्यालय हैं, जहां किचन शेड के लिए जमीन उपलब्ध हैं.
करीब आठ हजार विद्यालय ऐसे हैं, जिनके अपने भवन हैं, पर किचन शेड के लिए भूमि नहीं है. ऐसे विद्यालयों में अभी किचन शेड का निर्माण नहीं हो पायेगा. नौ हजार भवनहीन विद्यालय को नजदीक के विद्यालय में शिफ्ट किया जा रहा है. चार से अधिक विद्यालयों को शिफ्ट कर दिया गया. राज्य में 72 हजार विद्यालयों में मिड-डे-मील संचालित है.