नयी दिल्ली: केंद्रीय श्रमिक संगठनों के एक सम्मेलन में चार्टर मांगों
को लागू करने को लेकर अपने आंदोलन को तेज करने का निर्णय किया गया. संगठन
ने निर्णय किया कि 25 सितम्बर को राज्यों की राजधानी में प्रदर्शन किए
जाएंगे और 12 दिसम्बर को संसद मार्च किया जाएगा.
संगठन के नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र उनकी मांगों के लिए कुछ नहीं
कर रहा जिसमें न्यूनतम पारिश्रमिक दस हजार रुपये से कम नहीं तय करना, सभी
श्रमिकों के लिए वैश्विक सामाजिक सुरक्षा लागू करना, कामगारों के लिए पेंशन
सुनिश्चित करना और अनुबंधकर्मियों के लिए उनके नियमित सहकर्मियों की तर्ज
पर वेतन-भत्ता लागू करना शामिल है.
एआईटीयूसी के महासचिव गुरुदास दासगुप्ता ने संवाददाताओं से कहा, मांगों
को लेकर मंत्रिसमूह के साथ दो बैठकों के बावजूद सरकार गंभीर नहीं है और
मामलों को आगे बढ़ाती नहीं दिख रही है.