बरसात का पानी नहीं, यहां शासन की लापरवाही से फसलें हो रही बर्बाद

नागपुर। पेंच से शहर में आ रही मनपा की पाइपलाइन ने खेतों में
कहर बरपा दिया है। पाइपलाइन की वजह से बारिश का पानी जमा होने से खेतों में
तालाब बन गया है। इससे फसलों को भारी नुकसान होने की जानकारी है। नुकसान
को देखते हुए किसानों ने मनपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और पाइपलाइन
दूसरी ओर स्थानांतरित करने की मांग की है। किसानों के समर्थन में भाजपा
विधायक भी उतर आये हैं। विधायक विजय घोडमारे ने सोमवार को महापौर प्रा.
अनिल सोले से मिलकर नाराजगी जताई। 

श्री घोडमारे ने महापौर को सूचना देते हुए कहा कि नाले के बीच से
पाइपलाइन न डालते हुए नाले पर पुल बनाकर पाइपलाइन आगे ले जाया जाए। महापौर
ने इन सूचनाओं को गंभीरता से लेते हुए तत्काल पेंच प्रकल्प विभाग को इस
संबंध में प्रस्ताव तैयार कर स्थायी समिति और डीपीसी को तुरंत भेजने के
निर्देश दिए।


नागपुर शहर को जलापूर्ति के लिए फेज-2 की पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू है।
यह पाइपलाइन हिंगणा विधानसभा क्षेत्र के मौजा घोगली, नागपुर से जा रही है।
पेंच से घोगली नागपुर शहर में पाइपलाइन आ रही है। घोगली गांव से पाइपलाइन
बिछाते समय इसे नाले से निकाला गया है। इस कारण बारिश का पानी रुकने से
घोगली गांव परिसर में बाढ़ सदृश्य स्थिति बन गई है।  फसलें पूरी तरह बर्बाद
हो गई हैं। किसानों के रोष को देखते हुए सोमवार को विधायक विजय घोडमारे ने
महापौर से मुलाकात की। श्री घोडमारे ने समस्या का त्वरित निराकरण करने का
निर्देश दिया।

महापौर ने कहा है कि इस क्षेत्र के किसानों की जगह भू-संपादित कर
न्यायप्रविष्ठ प्रकरण में न्यायालय का जो निर्देश रहेगा, उसका सम्मान किया
जाएगा। किसानों का किसी तरह का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। श्री सोले ने
विधायक व किसानों से मदद की गुहार लगायी है। पाइपलाइन बिछाने का काम नवंबर
महीने तक पूरा होगा और नागपुर शहर को अतिरिक्त जलापूर्ति का फायदा होगा।

बैठक में अधीक्षक अभियंता (पेंच प्रकल्प) प्रकाश उराडे, उपजिलाधिकारी
(भूसंपादन) सुनील पडोले ने सप्ताह भर में प्रस्ताव पेश कर, तत्काल काम करने
का आश्वासन दिया। बैठक में निवर्तमान उपमहापौर संदीप जाधव, सत्तापक्ष नेता
प्रवीण दटके, जलप्रदाय समिति के सभापति सुधाकर कोहले, वैद्यकीय सेवा व
स्वास्थ्य समिति के सभापति रमेश सिंगारे, अतिरिक्त आयुक्त हेमंतकुमार पवार,
घोगली के किसान हरिभाऊ पारवे, मारोती भांगे, शेषराव नारे, लक्ष्मणराव चवरे
आदि उपस्थित थे।

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