फर्रुखाबाद। समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि हमारे देश की गरीबी रेखा का
निर्धारण करने वाले नेता अपनी सारी संपत्ति पहले निकाल कर रख दें, इसके
बाद वह 33 रुपये में एक दिन परिवार का भरण पोषण कर दिखाएं।
उत्तर प्रदेश यात्रा पर निकले अन्ना ने शुक्रवार को यहां कहा कि 33
रुपये में तो नेता एक कप चाय भी नहीं पी सकेंगे, नाश्ते की बात तो दूर है।
निरीक्षण भवन, फतेहगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में अन्ना ने कहा कि नेता
गरीबी की वेदना क्या जानें। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि प्रसूता ही
बच्चे को जन्म देने का दर्द जान सकती है।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के पद पर दावेदारी
के प्रश्न पर अन्ना ने कहा नरेंद्र मोदी यदि अच्छे हैं तो वह गुजरात में
जन लोकपाल क्यों नहीं लाए। उन्होंने कहा कि वह लोक शिक्षा व लोक जाग्रति पर
निकले हैं। इस यात्रा के माध्यम से छह करोड़ लोगों के जाग्रत होने की
उम्मीद है। उन्होंने कहा कि संसद में यदि जन लोकपाल पास हो गया होता तो 60
से 70 फीसद भ्रष्टाचार पर अंकुश लग जाता।
उन्होंने कहा कि जनता को अब अच्छे व साफ छवि वाले प्रत्याशी को चुनकर संसद में भेजना होगा, तभी देश का भला होगा।