ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट: दिल्ली के लिए ऊर्जा सुरक्षा की राह बताई

जनसत्ता संवाददाता, नई दिल्ली। पर्यावरण संरक्षण पर काम करने वाली वैश्विक संस्था ग्रीनपीस इंडिया की तैयार रिपोर्ट रूफटॉप रिवोल्यूशन: अनलिशिंग दिल्ली सोलर रूफटॉप पोटेंसियल (सौर ऊर्जा से जगमग दिल्ली) का विमोचन मंगलवार को जस्टिस एपी शाह, पूर्व मुख्य न्यायाधीश, दिल्ली हाइकोर्ट के हाथों संपन्न हुआ। इस रिपोर्ट में मुख्य रूप से यह रेखांकित किया गया है कि दिल्ली की केवल 1.6 फीसद छतों की जगह पर करीब दो गिगावाट की सौर बिजली की संभावना मौजूद है। रिपोर्ट में एक ग्रीन आधारित व्यावहारिक रास्ते का ब्योरा पेश किया गया है, जिस पर चल कर दिल्ली ऊर्जा सुरक्षा के मंजिल की ओर बढ़ेगी।


ब्रिज टु इंडिया और ग्रीनपीस के साझा तौर पर तैयार यह रिपोर्ट संकेत देती है कि 2 गिगावाट की संभावना को हासिल करके दिल्ली में प्रत्येक साल 4500 मिलियन किलोवाट घंटे की बिजली पैदा की जा सकती है, जिससे उसकी करीब 16 फीसद बिजली जरूरत को पूरा किया जा सकता है। इससे ऊर्जा की मांग और आपूर्ति में निरंतर बढ़ती खाई को पाटा जा सकता है। यह कोयला व डीजल जैसे पारंपरिक स्रोतों से पैदा प्रदूषित, असततशील, अविश्वसनीय व महंगी बिजली

से हमें बचा सकती है। ग्रीनपीस इंडिया के एनर्जी कैंपेनर आनंद प्रभु पतंजलि ने बताया कि रूफटॉप रिवोल्यूशन महज एक रिपोर्ट भर नहीं है, बल्कि विजन से लैस वह दस्तावेज है, जिससे दिल्ली को स्वच्छ व सततशील ऊर्जा स्रोत (जैसे सौर बिजली) से प्रेरित एक ग्रीन कैपिटल बनाने में मदद मिल सकती है।


समारोह के विशिष्ट अतिथि दिल्ली हाइकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एपी शाह और पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री सुरेश प्रभु ने उन रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों, विविध संस्थानों और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया, जिन्होंने अपनी छतों पर सौर बिजली पैदा करने का वचन देते हुए पहले-पहल हस्ताक्षर किया और दिल्ली में एक सोलर रूफटॉप नीति के मुद्दे पर हामी भरी थी। पुरस्कृत किए गए रिन्युबल चैंपियंस में प्रमुख रूप से होटल ली मेरीडियन, इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवसिर्टी, तमिलनाडु भवन, होली फैमिली हॉस्पीटल, रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों का ऊर्जा ग्रुप और भागीदारी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन आदि हैं। ग्रीनपीस स्वीच आॅन द सन (सूरज की ओर रुख करो) अभियान सफलतापूर्वक चला रहा है, जो दिल्ली में बिजली संकट के व्यावहारिक व सततशील समाधान के लिए अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देता है।

 

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