बच्चों पर आफत: कहीं डूबे, तो कहीं गोलियां खाकर पड़े बीमार

नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से देश के बच्चों की ग्रह-दशा पर शनि का साया मंडरा रहा है। बीते हफ्ते जहां बिहार के छपरा में मिड डे मील खाकर 23 बच्चे हमेशा के लिए सो गए, तो कहीं आयरन की गोली उनकी बीमारी की वजह बनी, तो आज हिमाचल की घग्गर नदी ने पांच मासूमों को अपने अंदर समा उनके परिजनों को बिलखने पर मजबूर कर दिया है।

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मिली जानकारी के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के चलते बुधवार को पंचकूला के माजरी चौक, गांव बुर्जकोटिया एवं सेक्टर 28 के पास तीन स्थानों पर लगभग एक दर्जन बच्चे फंस गए हैं।

बताया जा रहा है कि इनमें से छह बच्चे गायब हैं, जबकि छह को बचाने का कोशिशें जारी है। सूत्रों के अनुसार एक बच्चे का शव मिला है। बता दें कि इस नदी में जिला प्रशासन द्वारा धारा 144 लगा रखी है। इसके बावजूद झुग्गी-झोड़ियों के बच्चे जान की परवाह किए बगैर कबाड़ को ढूंढने के लिए नदी में उतरे थे और उसमें बहकर आए लोहे आदि को ढूंढ रहे थे कि अचानक पानी बढ़ गया और वे वहां फंस गए।

वहीं, दूसरी ओर हरियाणा में बड़े स्तर पर कई जगहों से स्कूली बच्चों के बीमार होने की खबरें आ रही हैं। फतेहाबाद के दो सरकारी स्कूलों में आयरन की गोली खाने के बाद 80 बच्चे बीमार हो गए हैं। सिरसा में आयरन की गोली खाने के बाद हालत बिगड़ने पर सौ बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिले के बाहिया और बालासर गांवों के सरकारी स्कूलों में यह घटना घटी है। बीमार बच्चों को चार एंबुलेंसों के जरिए अस्पताल भेजा गया है। रानिया के अस्पताल में 50 बच्चे एडमिट किए गए हैं और तीस बच्चों को संतनगर के अस्पताल में उपचार के लिए एडमिट किया गया है। वहीं 12 बच्चों को सिरसा रेफर कर दिया गया है। गौरतलब है कि कल चार गांवों के स्कूलों के सवा दो सौ बच्चों को पेट दर्द की शिकायत हुई थी। हरियाणा के ही हिसार के बरवाला खंड के चार गांवों में 50 बच्चों पर भी आयरन की गोली खाने के बाद प्रतिकूल प्रभाव दिखा है और वह भी बीमार हो गए हैं।

यही हालात फरीदाबाद, सोनीपत और जींद में भी हैं। यहां क्रमश: 36, 7 और 40 छात्र-छात्राएं बीमार हुए हैं।

बिहार के छपरा की घटना के बाद तमिलनाडु से भी मिड डे मील खाने के बाद करीब 100 बच्चों के बीमार होने की खबर आई थी। उसी कड़ी में मधुबनी, तरनतारण से लेकर दिल्ली और हिसार में दर्जनों बच्चे आयरन की गोलियां खाने के बाद बीमार पड़ गए थे, जिन्हें उपचार के लिए स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया था।

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