छपरा / मशरक: मिड डे खाने के बाद 21 बच्चों की छपरा
में हुई मौत के बाद लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया है. आक्रोशित लोग सड़क पर
उतर आये हैं और तोड़ फोड़ शुरू कर दी है.
खबर है कि भीड ने पुलिस की चार जीप को जला दिया है. घटना में मारे गये
बच्चों के परिजन भी काफी नाराज हैं. जिस आया ने बच्चों के लिए खाना बनाया
था उसकी भी खाना खाने के बाद मौत हो गयी है.
स्कूली बच्चों को कुपोषण से बचाने और स्कूलों में ड्रॉप आउट रोकने के
लिए चलायी जा रही मिड डे मील सारण जिले के मशरक के गंडामन नवसृजित प्राथमिक
विद्यालय के बच्चों के लिए काल साबित हुआ. जहरीला खाद मिले भोजन खाने से
20 बच्चों की मौत हो गयी, जबकि 80 बीमार हैं. 24 बच्चों को पीएमसीएच में
भरती कराया गया है. यह बिहार की पहली घटना है. राज्य सरकार ने इस घटना की
उच्चस्तरीय जांच का आदेश और मृत बच्चों के परिजनों को दो-दो लाख मुआवजा
देने की घोषणा की है.
मशरक प्रखंड के गंडामन नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में रोज की तरह
मंगलवार को भी मंजू देवी (रसोइया) ने 102 बच्चों के लिए दोपहर का भोजन (मिड
डे मील) तैयार किया. खाने में खिचड़ी और सोयाबीन व आलू की सब्जी थी. भोजन
करने के बाद बच्चे स्कूल में खेलने में मशगूल हो गये.
करीब डेढ़ बजे क्लास शुरू हुआ. बच्चे क्लास में पहुंचे, तो दूसरी कक्षा
के कुछ बच्चों को उल्टी हुई. कुछ को पेट में दर्द होने लगा. देखते-देखते
कई बच्चे जमीन पर लेट गये. कुछ बेहोश हो गये. किसी को कुछ समझ में नहीं आ
रहा था. गांव में खबर पहुंची, तो हंगामा मच गया. डर के मारे प्रधानाध्यापक
मीना कुमारी समेत दोनों शिक्षिकाएं स्कूल से भाग गयीं.
बीमार बच्चों को उनके अभिभावक मशरक स्थित पीएचसी में ले गये. यहां मौजूद
एक डॉक्टर व एक कंपाउडर के लिए इतने बीमार बच्चों को संभालना मुश्किल था.
कुछ के अभिभावक निजी डॉक्टर के पास ले गये. करीब एक घंटे तक पीएचसी में
इलाज की कोई व्यवस्था नहीं हुई. बच्चों को जमीन पर लिटा कर रखा गया. सूचना
मिलने पर प्रभारी सिविल सजर्न डॉ शंभुनाथ सिंह ने तरैया, मढ़ौरा और अमनौर
समेत अन्य पीएचसी के डॉक्टरों को एंबुलेंस के साथ मढ़ौरा भेजा. तब तक लोग
आक्रोशित हो गये थे और उन्होंने मशरक बाजार, मेन रोड और पीएचसी में हंगामा
शुरू कर दिया.
शाम में एसडीओ मनीष शर्मा, एसडीपीओ कुंदन कुमार व मशरक के सीओ को मशरक
में आक्रोशित भीड़ ने घेर लिया. अधिकारियों के पहुंचने के बाद रसोइया समेत
15 छात्रों को सदर अस्पताल रेफर करवाया. इसी क्रम में पीएचसी में दो बच्चों
की मौत हो गयी.
इसके बाद महाराजगंज के सांसद प्रभुनाथ सिंह पहुंचे और उन्होंने दो सिटी
राइड बसों का प्रबंध कर बच्चों को छपरा सदर अस्पताल भेजवाया. रास्ते में ही
दो बच्चों की मौत हो गयी. छपरा सदर अस्पताल में जब तक बच्चों को भरती
कराया जाता, चार और बच्चों की जान चली गयी. उधर, छपरा अस्पताल में भारी
हुजूम उमड़ पड़ा. रात करीब नौ बजे तक अफरा-तफरी का माहौल रहा. डॉक्टर कभी
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इस बेड पर जाते, तो पता चलता कि उधर किसी की मौत हो गयी. पटना से
अधिकारियों की टीम पहुंची. रात करीब 11:30 बजे डीएम अभिजीत सिन्हा ने 16
बच्चों की मौत की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि बीमार 24 बच्चों को
पीएमसीएच रेफर कर दिया गया है.
इसके पहले आक्रोशित लोगों ने मशरक महावीर चौक के पास सड़क जाम कर
दिया, जिससे मशरक-शीतलपुर, मशरक-सीवान मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया. सड़क
पर टायर जला कर उन्होंने प्रदर्शन भी किया.
उधर, छपरा सदर अस्पताल का हर कोने में चित्कार था. मिड डे मील ने किसी की कोख सूनी कर दी थी, तो किसी के अरमान उजड़ गये.
करेंगे जांच आयुक्त व डीआइजी
पटना त्न मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बच्चों की मौत पर गहरी शोक संवेदना
व्यक्त की है. उन्होंने मृत बच्चों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा
देने की घोषणा की है. उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया है.
छपरा के प्रमंडलीय आयुक्त व डीआइजी संयुक्त रूप से जांच करेंगे. फोरेंसिंक
साइंस लैब की टीम जांच में सहयोग करेगी. उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ
सख्त कार्रवाई होगी. बीमार बच्चों का इलाज सरकार करायेगी. मुख्यमंत्री ने
शिक्षा मंत्री पीके शाही को बुला कर पूरे घटना की विस्तृत जानकारी ली.
पीएमसीएच में 24 बच्चे भरती कई गंभीर
बीमार 24 बच्चों को मंगलवार की रात पीएमसीएच के शिशु इमरजेंसी वार्ड में
भरती कराया गया. उन्हें छह एंबुलेंसों में लेकर शिक्षा मंत्री पीके शाही
अपनी निगरानी में रात करीब 12:15 बजे पीएमसीएच पहुंचे. पीएमसीएच के अधीक्षक
अमर कांत झा अमर और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ निगम प्रकाश के नेतृत्व में
बच्चों का इलाज शुरू किया गया. बच्चों का हाल जानने और इलाज की व्यवस्था को
देखने के लिए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा, डीएम डॉ एन सरवण
कुमार सहित कई अधिकारी देर रात पीएमसीएच में मुस्तैद रहे.
अधीक्षक ने बताया कि कई बच्चों की स्थिति काफी गंभीर है, लेकिन शिशु रोग
विशेषज्ञों की टीम बना कर उनका इलाज शुरू कर दिया गया है. इससे पहले शिशु
इमरजेंसी वार्ड के एक यूनिट को बच्चों के इलाज के लिए खाली करा दिया गया
था.
मुख्यमंत्री ने दिया जांच का आदेश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मध्याह्न भोजन खाकर मरे बच्चों की घटना को
गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया है. सारण प्रमंडल के
आयुक्त शशिशेखर शर्मा को जांच का जिम्मा दिया गया है. मृतक के परिजनों को
दो-दो लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. मुख्यमंत्री ने बीमार बच्चों के बेहतर
इलाज कराने का निर्देश दिया है.
भाजपा व राजद का छपरा बंद का आह्वान
तमाम विपक्षी दलों ने छपरा मिड डे मील कांड पर सरकार को घेरा है. इसे
शासन की नाकामयाबी बताया गया है. भाजपा व राजद ने बुधवार को छपरा बंद का
आह्वान किया है. इस दौरान राजद नेताओं के अलावा सुशील कुमार मोदी, मंगल
पांडेय, नंदकिशोर यादव, राजीव प्रताप रूडी, संजय मयूख आदि वरीय भाजपाई
मौजूद रहेंगे. बहरहाल, पेश है इस मसले पर कमोबेश तमाम पार्टियों की राय,
उनकी मांग ..