भोपाल. तय की गई फीस से ज्यादा राशि वसूलने वाले स्कूलों पर दो लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने की तैयारी है। इसके लिए निजी विद्यालय शुल्क विनियम-2013 में प्रावधान किया गया है। तैयार नियमों के अनुसार फीस निर्धारण के लिए जिला व राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी को अधिकार होगा कि स्कूल प्रबंधन द्वारा अधिक फीस लेने पर वह प्रबंधन से एक लाख रुपए का जुर्माना वसूल करे। इसके अलावा राज्य फीस विनियामक अपील कमेटी भी बनेगी। यह कमेटी छात्र से अधिक वसूली गई फीस वापस करने की सिफारिश करेगी और स्कूल प्रबंधन पर 2 लाख रुपए तक का जुर्माना कर सकेगी।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा तैयार ड्रॉफ्ट को वरिष्ठ सचिवों की कमेटी ने मंजूरी दे दी है। जल्दी ही कैबिनेट की स्वीकृति लेकर इसे लागू करने की तैयारी है।
सत्र शुरू होने से छह माह पहले तय होगी फीस
निजी विद्यालय विनियम के मुताबिक फीस का निर्धारण शिक्षण सत्र शुरू होने के छह माह पूर्व करना अनिवार्य होगा। इसलिए नए नियम अगले शैक्षणिक सत्र से लागू किए जाएंगे। खास बात यह है कि फीस में बढ़ोतरी के लिए राज्य स्तरीय कमेटी और अपील कमेटी का निर्णय दो साल तक के लिए लागू माना जाएगा।शेषत्नपेज 9 पर
अभिभावक-शिक्षक संघ बनेगा
प्रत्येक स्कूल में अभिभावक-शिक्षक संघ का गठन होगा। इसकी एक कार्यपालिका कमेटी होगी। इस कमेटी का अध्यक्ष प्राचार्य अथवा प्रधान अध्यापक, उपाध्यक्ष- अभिभावक, सदस्य सचिव- शिक्षक एवं संस्था के प्रत्येक विभाग में अध्ययनरत छात्रों के अभिभावकों में से तीन अभिभावक सदस्य होंगे। अभिभावकों का चयन लाटरी पद्धति से होगा।
जिला फीस विनियामक कमेटी : कार्यपालिका कमेटी की अनुशंसा के संबंध में स्कूल प्रबंधन द्वारा की जाने वाली अपील पर सुनवाई कर 60 दिन में निराकरण करेगी। इस कमेटी में कलेक्टर सभापति होंगे। संभागीय मुख्यालय में संयुक्त संचालक शिक्षण और जिले में डीईओ सदस्य सचिव रहेंगे, जबकि पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री, वित्त सेवा के अधिकारी और विशेषज्ञ प्राचार्य अथवा प्रधान अध्यापक सदस्य बनाए गए हैं।
राज्य फीस विनियामक कमेटी : यदि जिला कमेटी का निर्णय प्रबंधन को मान्य नहीं होता है तो वह इस कमेटी के समक्ष 30 दिन के भीतर अपील कर सकेगा। यह कमेटी 60 दिन में अपील का निराकरण करेगी। इस कमेटी में स्कूल शिक्षा मंत्री पदेन सभापति होंगे।
राज्य फीस विनियामक अपील कमेटी : जिला कमेटी और राज्य कमेटी के निर्णय के विरुद्ध अपील सुनने वाली इस कमेटी में स्कूल शिक्षा मंत्री को सभापति बनाया गया है, जबकि स्कूल शिक्षा, वित्त और इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट का प्रतिनिधित्व करने वाले चार शासकीय सदस्य होंगे।
कैबिनेट को जल्द भेजेंगे ड्रॉफ्ट
निजी स्कूलों में फीस निर्धारण को लेकर नियम बनाए जा रहे हैं। इसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। अन्य विभागों से इस ड्राफ्ट पर विचार-विमर्श चल रहा है।
– संजय सिंह, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा
ऐसे होगा फीस का निर्धारण
प्रस्तावित अधिनियम में स्कूल का स्थान, छात्रों की संख्या, अध्ययन संबंधी वर्ग, इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्कूल की आय, शिक्षकों की गुणवत्ता आदि के आधार पर फीस का निर्धारण होगा। इसमें स्पष्ट किया गया है कि फीस का मतलब शिक्षण, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, कम्प्यूटर, कॉशन-मनी, परीक्षा, हॉस्टल व भोजन तथाप्रवेश शुल्क के रूप में ली जाने वाली राशि है। स्कूल प्रबंधन द्वारा तय की जाने वाली फीस पर कार्यपालिका कमेटी निर्णय लेगी। प्रबंधन द्वारा तय की गई फीस में कमेटी 10 प्रतिशत से अधिक राशि का संशोधन करती है और प्रबंधन को यह मान्य नहीं होता है तो 30 दिन के भीतर वह जिला फीस विनियामक कमेटी को अपील कर सकेगा।
इसलिए बनाए नए नियम
स्कूल प्रबंधन द्वारा हर साल फीस में अकारण वृद्धि की जाती है। इससे छात्रों और अभिभावकों में असंतोष रहता है। फीस निर्धारण प्रक्रिया और शुल्क तर्कसंगत हो, इसलिए नियम बनाए गए हैं।