भारतीय सप्लाई की बदौलत वैश्विक खाद्य मंहगाई थमी

भारत से चावल और गेहूं जैसी खाद्य वस्तुओं का ज्यादा निर्यात होने से विश्व बाजार में महंगाई पर रोक लगाने में मदद मिल रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि विश्व बाजार में भारत खाद्यान्न निर्यात के मामले में बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरा है।

यहां 16वीं इंडियन कोऑपरेटिव कांग्रेस में पवार ने कहा कि दुनिया की 17 फीसदी आबादी की खाद्यान्न जरूरत पूरी करने के बाद भी भारत विश्व बाजार में बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरा है। भारतीय सप्लाई से विश्व बाजार में तेजी पर अंकुश लगाने में मदद मिल रही है।

पवार ने कहा कि पिछले साल भारत से 1.87 लाख करोड़ रुपये मूल्य के कृषि उत्पादों का निर्यात किया गया। जबकि इस साल फरवरी तक 2.1 लाख करोड़ रुपये का निर्यात हो चुका है।

मंत्री ने कहा कि देश में पिछले कुछ वर्षों से लगातार अनाज का रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है। कृषि एकमात्र ऐसा सेक्टर है, जिसमें 11वीं योजना की लक्षित 4 फीसदी विकास दर हासिल की गई है।

कृषि क्षेत्र की विकास दर काफी अच्छी रही है क्योंकि प्राइमरी कोऑपरेटिव सोसायटी कृषि उपज की सप्लाई संभाल रही है। सोसायटी क्रेडिट, स्टोरेज और मार्केटिंग गतिविधियों में भी अहम भूमिका निभा रही हैं।

पवार के अनुसार पिछले किसी भी समय के मुकाबले मौजूदा दौर में कोऑपरेटिव सोसायटी ज्यादा प्रासंगिक हैं क्योंकि समग्र विकास में इनकी भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। इनके जरिये रोजगार पैदा हो रहे हैं और कृषि क्षेत्र में करोड़ों लोगों को भरोसेमंद आजीविका मिल रही है। कोऑपरेटिव सेक्टर में क्षमता है कि वह लोगों का शहरों से गावों की ओर वापस भेज सकती है।

पवार ने कहा कि शॉर्ट टर्म और लांग टर्म कोऑपरेटिव क्रेडिट सेक्टर और अर्बन कोऑपरेटिव बैंकिंग सेक्टर वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने की क्षमता है। ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्रों में समग्र विकास के लिए वित्तीय समावेश जरूरी है।

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