गर्भाशय कांड: सात डॉक्टरों के एक साल तक इलाज करने पर रोक- मुहम्मद निजाम

रायपुर. कैंसर का भय दिखाकर कम उम्र की महिलाओं के गर्भाशय निकालने वाले निजी नर्सिंग होम के सात डॉक्टरों के खिलाफ राज्य शासन ने कड़ा फैसला लिया है। गर्भ के गुनहगार इन डॉक्टरों के पंजीयन एक साल के लिए निलंबित कर दिए गए हैं।

अब ये सालभर तक मरीजों का इलाज नहीं कर सकेंगे। उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन एक हफ्ते के भीतर शासन के पास जमा करना होगा। दैनिक भास्कर के खुलासे के बाद हुई जांच में सात प्राइवेट डॉक्टरों को दोषी पाया गया। हालांकि उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए उच्चस्तरीय दबाव बना हुआ था लेकिन सोमवार को राज्य शासन ने अंतत: आदेश जारी कर दिया।

आदेश की कॉपी डॉक्टरों को भेज दी गई है। गर्भाशय कांड में फंसे डॉक्टर जिस दिन अपने डॉक्टरी का लाइसेंस शासन के पास जमा करेंगे, उसी दिन से उनकी प्रैक्टिस पर रोक शुरू होगी। राजधानी के आउटर में स्थित गांवों में गर्भाशय निकालने का धंधा पिछले चार-पांच साल से चल रहा था। निजी नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने गर्भाशय को कमाई का आसान जरिया मान लिया था। केवल 20-25 हजार रुपए कमाने के चक्कर में 22-24 साल की महिलाओं के गर्भाशय निकाले जा रहे थे।

भास्कर ने मई 2012 में अभनपुर और राजिम इलाके के कई गांवों का सर्वे किया। गर्भाशय की सर्जरी करवाने वाली महिलाओं का रिपोर्ट कार्ड चेक किया। विशेषज्ञों से रिपोर्ट कार्ड की जांच करवाई गई। कुछ महिलाओं की राजधानी के प्रतिष्ठित नर्सिंग होम में जांच करवाई। उसके बाद पूरे गोरखधंधे को उजागर किया।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने अगले ही दिन जांच के आदेश दिए। तीन स्तर की जांच कराई गई। प्रारंभिक जांच में नौ डॉक्टर दोषी पाए गए थे। लेकिन अंतिम जांच में दो डॉक्टरों को क्लीन चिट दी गई। डॉ. जीपीएस सरना लाइफ लाइन नर्सिंग होम शैलेंद्रनगर और डॉ. धीरेंद्र साव कर्मा हॉस्पिटल तेलीबांधा को गर्भाशय निकालने के आरोपों से बरी कर दिया गया है।


इन प्राइवेट डॉक्टरों पर हुई कार्रवाई

डॉ. प्रज्जवल सोनी – सोनी मल्टी स्पेशलिटीज हॉस्पिटल अभनपुर
डॉ. ज्योति दुबे – स्वामी नारायण पचपेढ़ीनाका रायपुर
डॉ. सोनी वी जैन – आंचल नर्सिंग होम महावीर नगर रायपुर
डॉ. नलिनी मढ़रिया – आशीर्वाद इनफर्टिलिटी एंडोस्कोपी सेंटर रायपुर
डॉ. नितिन जैन – जैन हॉस्पिटल देवेंद्रनगर रायपुर
डॉ. पंकज जायसवाल – राजिम
डॉ. मोहिनी इदनानी – सिटी हॉस्पिटल रायपुर

पैसों के लिए जान से खिलवाड़

शासन की जांच में यह साबित हो गया कि कम उम्र की महिलाएं जो पेट दर्द या हाथ पांव में सूजन आने की शिकायत लेकर डॉक्टरों के पास पहुंची थी, उनका गर्भाशय निकाल लिया गया। गर्भाशय की सर्जरी करने के पहले केवल दिखावे के लिए सोनोग्राफी की गई। कैंसर की जांच कराई ही नहीं गई। केवल रुपए की लालच में महिलाओं की जिंदगी से खिलवाड़ किया गया। कैंसर के लिए बायोप्सी कराई जाती है।

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