न्यूयॉर्क। दुनिया भर में एक तिहाई से अधिक महिलाएं शारीरिक अथवा यौन हिंसा की शिकार हैं तथा महिला विरोधी हिंसा की समस्या ‘महामारी के स्तर’ पर पहुंच चुकी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन :डब्ल्यूएचओ: ने ‘लंदन स्कूल आॅफ हाइजिन एंड ट्रापिकल मेडिसीन’ तथा ‘साउथ अफ्रीका मेडिकल रिसर्च काउंसिल’ के साथ मिलकर जो अध्ययन किया है, उसमें यह बात सामने आई है।
इस अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि शारीरिक एवं यौन हिंसा जन स्वास्थ्य की समस्या है जो दुनिया भर में एक तिहाई से अधिक महिलाओं को प्रभावित करती है।
रिपोर्ट के अनुसार करीब 35 फीसदी महिलाएं अपने करीबी साथी अथवा दूसरे की हिंसा का शिकार होती हैं।
इसमें कहा गया है कि महिलाओं के लिए साथी अथवा पति की हिंसा का सामना करना आम बात हो गई है। इस तरह की हिंसा से 30 फीसदी महिलाएं पीड़ित हैं।
डब्ल्यूएचओ की महानिदेशक मार्गरेट चैन ने कहा, ‘‘इन तथ्यों से इस बात का साफ संदेश जाता है कि महिला विरोधी हिंसा एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है जो महामारी के स्तर पर पहुंच चुकी है।”
उन्होंने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि दुनिया की स्वास्थ्य प्रणाली हिंसा का सामने करने वाली महिलाओं के लिए और अधिक योगदान दे सकती है।”
भाषा