यमुनानगर/पानीपत/करनाल. मानसून के दस्तक देते ही उफनी यमुना से प्रदेश में बाढ़ आ गई है। हरियाणा के करीब 110 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। अगर यमुना का जलस्तर और बढ़ता है तो यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिले की नौ विधानसभा क्षेत्र में आने वाले 500 गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो जाएगा। इन सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
अंबाला में भारतीय सेना को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया गया है। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए 94.50 लाख रुपये की राशि जारी की गई है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को पानी निकालने के लिए 50 लाख रुपये की राशि उपलब्ध करवा दी गई है। इसके साथ ही राजस्व विभाग के अधिकारियों के अवकाश रद्द कर दिए। जो अवकाश पर गए हैं, उन्हें भी वापस बुलाया गया है।
यमुनानगर में स्थिति बेहद गंभीर है। यहां के 75 गांव बाढ़ में घिर गए हैं। हजारों एकड़ फसल पानी में डूब गई है। करनाल में 20 गांवों में पानी घुस गया, जबकि पानीपत के 15 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। वहीं, सोनीपत में यमुना पूरे उफान पर है। पल-पल फैल रही यमुना को देख कर खादर के किसानों को पसीना आ रहा है। दर्जनों गांवों पर बाढ़ का साया मंडरा रहा है। किसानों की मक्के, बाजरा, खरबूजा, तरबूज, गन्ने और सब्जी की फसल बर्बाद हो गई। गांवों में चारे और ईंधन का संकट पैदा हो गया है।
कलानौर स्टेशन के पास पुलिया बहने से यूपी और हरियाणा के बीच रेल मार्ग ठप हो गया। अंबाला-सहारनपुर (अप व डाउन) ट्रैक की लगभग 15 एक्सप्रेस ट्रेनों सहित 22 से अधिक गाड़ियों का संचालन प्रभावित हुआ है। पुलिया ठीक होने में दो से तीन दिन लगेंगे। उधर, बाढ़ का पानी नेशनल हाईवे 73 पर भी आ गया। ऐसे में हरियाणा रोडवेज की ओर से यूपी और उत्तराखंड को जाने वाली बसों को बंद कर दिया गया।
बाढ़ में फंसे 257 लोगों को बचाया, करनाल में किशोर बहा
सेना के जवानों, आपदा प्राधिकरण की टीम और स्थानीय प्रशासन की मदद से बाढ़ में घिरे यमुनानगर के गांव लापरा के 62 लोगों को बचा लिया गया है। वहीं, करनाल के चंद्राओ गांव में फंसे 42 लोगों को दो हेलिकॉप्टर की मदद से निकाला गया। हेलिकॉप्टर करनाल फ्लाइंग क्लब से मुहैया कराए गए। गांव शेरगढ़ टापू में फंसे 150 लोगों को मोटरबोट्स की मदद से बाहर निकाला गया है। गुमथला जिला यमुनानगर में जा रहे बचाव दल ने पानी में बहे तीन बच्चों को बचा लिया। जंडौली में अभी भी कुछ लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं। वहीं, खलवान गांव का 10 वर्षीय बच्चा सागर बाढ़ में बह गया।
रिकॉर्ड. यमुना में आठ लाख क्यूसिक पानी
1978 की बाढ़ में आया था सात लाख क्यूसिक पानी। मानसून की पहली बारिश में ही यमुना में आठ लाख, छह हजार क्यूसिक पानी आ गया। अब तक यमुना का यह जलस्तर सबसे अधिक है। इससे पहले 1978 में सर्वाधिक सात लाख नौ हजार क्यूसिक पानी आया था। सिंचाई मंत्री एचएस चट्ठा ने बताया कि नदी में 8.06 लाख क्यूसिक पानी बह रहा है।यह 48 घंटों में दिल्ली पहुंच जाएगा। यानी अगला खतरा दिल्ली को है। जून में पहले कभी यमुना में इतना अधिक पानी नहीं आया।
हेल्पलाइन
किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चंडीगढ़ में राज्य मुख्यालय पर वित्तायुक्त, राजस्व के कार्यालय में एक बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। कोई भी व्यक्ति फोन नं.- 0172-2545938 पर बाढ़ की सूचना दे सकता है। प्रशासन से मदद मांग सकता है।
आगे क्या. अगले तीन-चार दिनों में जमकर बारिश के आसार : मौसम विभाग का कहना है कि तीन-चार दिनों में हरियाणा में कई जगहों पर जमकर बारिश होने के आसार हैं। कहीं-कहीं हल्की बारिश के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं।
यमुनानगर ट्रैक पर भरा पानी, अंबाला से लौटी जनशताब्दी
भारी बारिश के कारण अंबाला डिवीजन के जगाधरी-कलांनूर-सरसवा स्टेशन के बीच ट्रैक पर पानी भर गया है। इससे इस रूट से चलने वाली कुछ ट्रेनों के रूट को बदल दिया गया। साथ ही, कुछ ट्रेनों को शार्ट टर्मिनेट कर दिया गया है। इसके अलावा सिटी स्टेशन से गुजरने वाली शालीमार और जालंधर इंटरसिटी को रद्द कर दिया गया है। 12054 अमृतसर-हरिद्वार जनशताब्दी एक्सप्रेस को अंबाला से टर्मिनेट कर दिया गया। इसे अंबाला से अमृतसर के लिए वापस कर दिया गया। वहीं, बारिश के कारण सोमवार को सिटी रेलवे स्टेशन पर 12 से अधिक ट्रेन अपने निर्धारित समय से देरी से चलीं। स्पेशल बरौनी एक्सप्रेस अपने निर्धारित से 26 घंटे देरी से रवाना हुई।
इसके अलावा आम्रपाली एक्सप्रेस 11 घंटे, जनसेवा एक्सप्रेस 3.30 घंटे, अकालतख्त एक्सप्रेस 6 घंटे, देहरादून एक्सप्रेस 50 मिनट, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस 2.30 घंटे, टाटा मूरी एक्सप्रेस 2.50 घंटे, डुप्लीकेट हावड़ा मेल 45 मिनट, शताब्दी एक्सप्रेस 20 मिनट, अहमदाबाद-जम्मूतवी एक्सप्रेस 1 घंटे, गरीबरथ एक्सप्रेस 1.20 मिनट, शहीद एक्सप्रेस 10 मिनट, शाने पंजाब 20 मिनट से देरी से रवाना हुई।