खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता के लिए पूर्वोत्तर को 200 करोड़- आर एस राणा

मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम व सिक्किम में चावल की खेती के खास प्रयास

पूर्वोत्तर भारत के राज्यों को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने के लिए चालू वित्त वर्ष 2013-14 में 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसम) के तहत इन राज्यों में चावल का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

एनएफएसएम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत के राज्यों को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने के लिए चालू वित्त वर्ष में 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा।

वित्त वर्ष 2012-13 में इन राज्यों में एनएफएसएम के तहत खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया गया था। इन राज्यों में चावल की खपत ज्यादा मात्रा में होती है तथा चावल की खेती के लिए यहां की जमीन उपयोगी भी है, इसीलिए इन राज्यों में चावल का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जायेगा।

उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर भारत के दो राज्यों असम और त्रिपुरा में चावल का उत्पादन बढ़ रहा है तथा पिछले साल इन राज्यों में चावल का उत्पादन इनकी कुल खपत से ज्यादा हुआ है।

इसी तरह अन्य राज्यों को भी आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया जायेगा। इन राज्यों की भौगोलिक स्थिति अन्य राज्यों से अलग है इसलिए इन राज्यों में अन्य राज्यों से मंगाए गए खाद्यान्न के आवागमन में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

चालू वित्त में मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम और सिक्किम में चावल का उत्पादन बढऩे के लिए चालू वित्त वर्ष में ज्यादा जोर दिया जायेगा। इसलिए कुल आवंटित राशि में से ज्यादा आवंटन इन राज्यों में किया जायेगा। इन राज्यों के किसानों को एनएफएसएम के तहत पानी और मिट्टी की स्थिति के आधार पर ज्यादा पैदावार देने वाले धान के बीजों का आवंटन किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि मिशन का उद्देश्य एक ओर जहां देश की विशाल आबादी को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है, वहीं किसानों की आय भी बढ़ाना है। किसानों के जीवन का आर्थिक स्तर सुधारना और उनके लिए रोजगार के अवसर सृजित करना इस योजना को मुख्य लक्ष्य है।

उन्होंने बताया कि एनएफएसएम के तहत कृषि जिंसों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को प्रमाणित बीज, खाद और कीटनाशकों पर केंद्र सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाती है।

एनएफएसएम की योजनाओं के परिणामस्वरूप ही देश में खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है। एनएफएसएम के तहत तय किए गए लक्ष्य से भी देश में चावल और गेहूं का उत्पादन ज्यादा हो रहा है। हालांकि दलहन का उत्पादन अभी भी तय गए लक्ष्य से कम है इसीलिए चालू वित्त वर्ष में एनएफएसएम के तहत आवंटित कुल 2,000 करोड़ रुपये में से दलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए 1,100 करोड़ रुपये का आवंटन किया जायेगा।

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