आने वाले समय में भी देश के कई राज्यों की आम जनता और फैक्टरियों को बिजली की भारी किल्लत से जूझना पड़ेगा। एक अनुमान के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के दौरान 17 राज्यों में बिजली का बुरा हाल रहेगा।
इस दौरान सबसे ज्यादा बिजली संकट तीन दक्षिणी राज्यों तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में रहेगा। इसके अलावा पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी बिजली की भारी कमी देखने को मिलेगी।
सीईए के ताजा अनुमान में जिन 17 राज्यों में बिजली का बुरा हाल रहने का जिक्र किया गया है, उनमें आंध्र प्रदेश, असम, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, झारखंड, ओडिशा, गोवा और नगालैंड भी शामिल हैं।
सीईए के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के दौरान पंजाब में 19.7 फीसदी, राजस्थान में 15.1 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 18 फीसदी और बिहार में 19 फीसदी बिजली की भारी किल्लत रहेगी।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के ताजा अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के दौरान तमिलनाडु को जितनी बिजली चाहिए होगी, उसका तकरीबन 75 फीसदी ही इस राज्य को नसीब हो पाएगा।
सीईए का मानना है कि दक्षिणी राज्यों में बिजली सप्लाई की बिगड़ती स्थिति के कारण चालू वित्त वर्ष के दौरान विद्युत की किल्लत बीते वित्त वर्ष के मुकाबले कहीं ज्यादा रहेगी। मालूम हो कि पिछले वित्त वर्ष यानी 2012-13 के दौरान देश में 15.5 फीसदी की बिजली किल्लत आंकी गई थी।