तेजी का धरातल – अमेरिकी गेहूं पर सवाल उठने से तेजी की बड़ी लहर
बड़ा मसला
अमेरिका में प्रतिबंधित जीएम गेहूं की खेती का बड़ा खुलासा
इसके बाद अमेरिका से जापान व अन्य देशों ने खरीद रोकी
गेहूं के दाम अंतरराष्ट्रीय व घरेलू बाजार में बढऩे लगे
भारतीय गेहूं की विश्व बाजार में निर्यात मांग सुधरी
ऐसा ही रहा तो देश में गेहूं के दाम हो जाएंगे बेलगाम
घरेलू बाजार में गेहूं के भाव ने 1600 रुपये प्रति क्विंटल का स्तर छुआ
अमेरिका में जीएम गेहूं उगाए जाने के खुलासे का असर भारतीय गेहूं के
मूल्य पर पडऩे लगा है। विश्व बाजार में अमेरिकी गेहूं की खरीद बंद किए
जाने के बाद इसके वैश्विक भाव बढऩे लगे हैं और भारतीय गेहूं का निर्यात भी
तेज हो गया है।
इससे गेहूं की कीमतों में पिछले दस दिनों के दौरान 100 रुपये प्रति
क्विंटल की तेजी आई और दिल्ली में भाव बढ़कर 1580-1600 रुपये प्रति क्विंटल
हो गए। अगर नीति नियंताओं ने जल्दी ही गेहूं की तेजी पर अंकुश के लिए
प्रभावी कदम नहीं उठाए तो इसके भाव बेतहाशा बढऩे लगेंगे।
गेहूं की निर्यातक फर्म के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी गेहूं
के मामले का असर भारत के गेहूं पर पडऩे लगा है। दक्षिण कोरिया हर साल 50
लाख टन गेहूं का आयात करता है, इसमें अमेरिका से करीब 25 लाख टन का आयात
होता है।
दक्षिण कोरिया ने पिछले साल भारत से 6 से 6.5 लाख टन गेहूं का आयात किया
था जबकि चालू सीजन में दक्षिण कोरिया द्वारा भारत से करीब 10 लाख टन गेहूं
का आयात किए जाने की संभावना है।
इस वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निर्यातकों की मांग बढऩे से उत्पादक
मंडियों में गेहूं के दाम बढ़कर 1,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए है। गेहूं
महंगा होने की वजह से गेहूं की सरकारी खरीद भी लगभग बंद हो गई है।
निर्यातक बंदरगाह पहुंच 1,665-1,670 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की
खरीद कर रहे हैं।
निर्यातक पहले से किए गए सौदों के भाव पर ही भुगतान कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया में गेहूं की नई फसल की आवक अक्टूबर महीने में बनेगी इसलिए
विश्व बाजार में अभी कीमतों में मजबूती कायम रह सकती है। सार्वजनिक
कंपनियों को इस समय 304-305 डॉलर प्रति टन की दर से गेहूं निर्यात की
निविदा मिल रही है।
दिल्ली फ्लोर मिल्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में गेहूं
का भाव बढ़कर 1,580-1,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है जो पिछले साल की
समान अवधि के मुकाबले 350 रुपये प्रति क्विंटल तेज हैं।
चालू रबी विपणन सीजन 2013-14 में गेहूं की सरकारी खरीद करीब 250 लाख टन
ही हुई है जबकि खरीद का लक्ष्य 440 लाख टन का था। गेहूं की सरकारी खरीद में
आई कमी से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास गेहूं का स्टॉक पिछले साल से
कम है, इसलिए एफसीआई पर गेहूं बेचने का दबाव भी कम रहेगा।
ऐसे में आगामी दिनों में घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतें सरकार द्वारा
खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत घोषित किए जाने वाले भाव पर ही
करेगी।