पटना: सूबे में शनिवार को हर प्रखंड में शिविर लगा कर इंदिरा आवास के लिए राशि वितरण की घोषणा की गयी थी, पर अधिकारियों व तंत्र (सिस्टम) की सुस्ती से अधिकतर जगहों पर इंदिरा आवास के लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए पैसा नहीं मिल पायेगा. यह तब होगा, जब राशि के अभाव में दो बार तिथि बदली गयी.
सारण जिले में राशि पहुंची है, लेकिन रिलीज ऑर्डर नहीं गया है. गया और नवादा की भी यही स्थिति है. शुक्रवार को विभाग में इस बात की समीक्षा होती रही कि किस-किस जिले में राशि नहीं गयी.
अधिकारी यह भी बताने में असमर्थ थे कि किस जिले में कितनी राशि है. स्थिति से निबटने के लिए जिलाधिकारियों ने पूर्व से उपलब्ध राशि को ही बांटने का उपाय निकाला है.
इंदिरा आवास निर्माण की राह में कई रोड़े हैं. सरकार जून में पैसे उपलब्ध करा रही है. अगले छह महीनों में निर्माण पूरा करना है,जबकि अब खेतों में धान के बिचड़े डालने का काम शुरू होनेवाला है. अधिकतर मजदूर इस काम में लग जायेंगे. ऐसे में पैसा मिलने के बाद भी निर्धारित समय पर इंदिरा आवास निर्माण का लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है.
छह लाख पांच हजार 550 गरीब परिवारों को इंदिरा आवास योजना के तहत राशि दी जानी है. उनका चयन कर बैंकों में खाता खोल दिया गया. शनिवार को पहली किस्त की पचास हजार की राशि दी जानी है. राशि के अभाव में बीपीएल परिवारों को शिविर में या तो बिना पैसा का पासबुक पकड़ा दिया जायेगा, या फिर पिछले वित्तीय वर्ष की शेष राशि से कुछ लोगों को आवास की राशि दी जायेगी.
-पहले 25 मई को ही लगना था शिविर
राशि के अभाव में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 25 मई को शिविर लगा कर आवास का वितरण किया जाना था. राशि नहीं मिलने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया. इसके बाद आठ जून की नयी तिथि घोषित की गयी.
राशि नहीं गयी, रिलीज ऑर्डर भेजा गया
हर जिले में बीपीएल परिवारों को चिह्न्ति कर उनके आवास निर्माण के लिए मिलनेवाली राशि के लिए सरकार ने रिलीज ऑर्डर जारी कर दिया. ग्रामीण विकास विभाग ने आदेश दिया कि संबंधित जिले राशि को खर्च कर सकते हैं. चौंकानेवाली बात है कि सूबे के 38 में 14 जिलों में तो पहले किस्त के आवास निर्माण के लिए रिलीज ऑर्डर भी नहीं गया. इनमें अररिया, बांका, भोजपुर, बक्सर, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, रोहतास, समस्तीपुर, सारण, सीतामढ़ी व सुपौल जिले शामिल हैं.
जिलावार इंदिरा आवास का आवंटन
अररिया(20303), अरवल (4302), औरंगाबाद (17183), बांका (11845), बेगूसराय (14425), भागलपुर (13744), भोजपुर (13112 ), बक्सर (6861 ), दरभंगा (23800), गया (34844), गोपालगंज (14666), जमुई (11567 ), जहानाबाद (6274 ), कैमूर (12245), कटिहार (21953), खगड़िया (8680 ), किशनगंज (13198 ), लखीसराय(4749), मधेपुरा (11858), मधुबनी (24696), मुंगेर (5580), मुजफ्फरपुर (26493), नालंदा (16087), नवादा (15940), पश्चिम चंपारण (27080), पटना (20243), पूर्वी चंपारण(27019), पूर्णिया(22822), रोहतास (16877), सहारा (11047), समस्तीपुर(25982), सारण (18558), शेखपुरा(3489), शिवहर(3674), सीतामढ़ी (18394), सीवान(18895), सुपौल(13404) और वैशाली (21868).