वित्तीय वर्ष 2012-2013 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च तिमाही) में भारत की जीडीपी ग्रोथ 4.8 फीसदी रही है। वित्त वर्ष 2012 की जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5.1 पर्सेंट रही थी। जबकि वित्त वर्ष 2012-2013 की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.7 पर्सेंट रही थी। वित्त वर्ष 2013 की बात करें तो भारत की जीडीपी ग्रोथ घटकर 5 पर्सेंट हो गई है, जो वित्त वर्ष 2012 में 6.2 पर्सेंट थी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अनुसार केंद्र सरकार ने ऐसे कई निर्णय लिए हैं, जिससे 8 फीसदी ग्रोथ हासिल की जा सकती है। जबकि आरबीआई के गर्वनर डी सुब्बाराव ने कयास लगाया था कि इस साल 5 फीसदी से ज्यादा ग्रोथ की उम्मीद नहीं है। वित्त वर्ष 2013 की बात करें तो पिछले 10 सालों में भारत का अर्थिक विकास सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।
सालाना आधार पर अलग-अलग क्षेत्र की बात करें तो वित्त वर्ष 2013 की चौथी तिमाही में कृषि क्षेत्र की ग्रोथ 2 पर्सेंट से घटकर 1.4 पर्सेंट हो गई। जबकि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 0.1 फीसदी से बढ़कर 2.6 फीसदी हुई। वहीं माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 5.2 फीसदी से घटकर 3.1 पर्सेंट रह गई है। कम्यूनिटी, सोशल और पर्सनल सर्विसेज की ग्रोथ 4 फीसदी पर रही है। व्यापार, होटल, ट्रांसपोर्ट और कम्यूनिकेशंस सेवाओं की ग्रोथ 5.1 फीसदी से बढ़कर 6.2 फीसदी हो गई है।