नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्रालय ने एलपीजी सिलेंडर सप्लाई को आधार कार्ड से जोडऩे की पहल तेज कर दी है। वित्त मंत्रालय ने घोषणा की है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह से देश भर में रियायती एलपीजी सिलेंडरों की सब्सिडी सीधे ग्राहक के बैंक खाते में डाली जाएगी।
सो, पेट्रोलियम मंत्रालय ने दूर-दराज के इलाकों में विशेष पंजीकरण कैंप लगाने के लिए ‘आधार’ प्राधिकरण से अनुरोध किया है। हालांकि मंत्रालय ने उन लोगों को बिना आधार नंबर के भी रियायती सिलेंडर देने का निश्चय किया है, जिनके पंजीकरण नहीं हुए हैं। ऐसे ग्राहकों को योजना शुरू होने के तीन महीने के अंदर अपना आधार कार्ड बनावाना होगा या फिर उसका पंजीकरण कराकर आवेदन नंबर लेना होगा।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बतायाा कि कारण वाजिब पाए गए तो सप्लाई जारी रहेगी। कोई डिस्ट्रीब्यूटर मात्र इस वजह से किसी की सप्लाई बंद नहीं कर पाएगा कि उसके पास आधार नंबर नहीं है। मिसाल के तौर पर अगर कोई बुर्जुग-बीमार है और वह जायज वजह से आधार कार्ड नहीं बना पाया है तो उसकी सप्लाई बंद नहीं होगी। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि अभी देश भर में सभी के आधार नंबर नहीं बने हैं। ऐसे में व्यावहारिक पक्ष भी देखना होगा। आधार प्राधिकरण से गांव-देहात और दूर-दराज के क्षेत्रों में विशेष कैंप शिविर लगाने के लिए अनुरोध किया जाएगा। इस अधिकारी ने कहा, ‘यह समस्या भी है कि देश भर में सभी लोगों के पास बैंक एकाउंट नंबर नहीं हैं। इसके लिए भी वित्त मंत्रालय से अनुरोध किया गया है कि वे बैंकों को निर्देश दे कि जिनके पास एलपीजी कनेक्शन हैं, उन्हें बिना हीला-हवाली के एकाउंट खोलने की सुविधा दें। यह देखा गया है कि बैंक दुनिया भर के नियम-कायदे बताते हुए एकाउंट खोलने से इनकार कर देते हैं जबकि भविष्य में सभी सब्सिडी सीधे खाते में देने का इरादा सरकार कर रही है।’
इधर, पेट्रोलियम मंत्रालय एक अन्य समस्या, आधार नंबर को बैंक के साथ संबद्ध करने को लेकर भी काम तेज कर रहा है। जिन एलपीजी ग्राहकों के पास आधार नंबर होगा उनका नंबर उस संबंधित बैंक को दे दिया जाएगा, जहां उसका एकाउंट है। इससे भविष्य में दोहरे कनेक्शन और उनके दोहरे रियायत हासिल करने पर भी प्रभावी रोक लगेगी। इस समय पेट्रोलियम मंत्रालय मात्र 50 प्रतिशत एलपीजी कनेक्शन के मामले में ही उसे बैंक से संबद्ध कर पाया है।