कृषि सेक्टर को मिलने वाले कर्ज में आई तेजी

रिजर्व बैंक की रिपोर्ट
फरवरी 2013 में एग्री सेक्टर को कर्ज में वृद्धि गत वर्ष के 8.1 से बढ़कर 16.1 फीसदी
बैंक प्राथमिक सेक्टर को कर्ज उपलब्ध कराने वाले लक्ष्य को पूरा करने में जुट रहे हैं
उद्योग जगत को कर्ज की वृद्धि दर गत वर्ष के 18.2 फीसदी से घटकर 17.6 फीसदी

देश में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकों की ओर से कृषि सेक्टर को दिया जाने वाला कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन उद्योग जगत, सर्विस सेक्टर और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) को मिलने वाली कर्ज गति सुस्त पड़ती जा रही है।

सालाना आधार पर फरवरी 2013 के दौरान एग्रीकल्चर सेक्टर को मिलने वाले कर्ज में 16.1 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में आंकड़ा 8.1 फीसदी का था।

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी वेबसाइट पर फरवरी माह के संशोधित आंकड़े जारी किये। कृषि कर्ज के इन आंकड़ों से पता चलता है कि बैंक अपने प्राथमिक सेक्टर को कर्ज उपलब्ध कराने वाले लक्ष्य को पूरा करने में जुटे रहे हैं।

जनवरी 2013 के दौरान कृषि क्षेत्र की कर्ज वृद्धि दर 16.9 फीसदी रही। उद्योग जगत को दिये कर्ज की वृद्धि दर 17.6 फीसदी दर्ज की गई, जबकि पिछले साल फरवरी 2012 में यह वृद्धि दर 18.2 फीसदी था।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी माह के दौरान चमड़ा और चमड़े के उत्पादों, लकड़ी और लकड़ी के उत्पादों, पेट्रोलियम, कोयला उत्पाद और परमाणु ईंधनों, सीमेंट और सीमेंट के उत्पाद तथा कैमिकल के उत्पादों का क्रेडिट ग्रोथ सुस्त पड़ा रहा।

वहीं, जनवरी में उद्योग जगत को मिलने वाले कर्ज प्रवाह की वृद्धि दर 17.4 फीसदी था, यानी मासिक आधार पर भी इस सेक्टर को मिलने वाले कर्ज प्रवाह में गिरावट दर्ज की जा रही है। इसके अलावा, गैर-खाद्य क्षेत्र को दिये जाने वाले कर्ज की वृद्धि दर 15.6 फीसदी रही, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 15.0 फीसदी थी।

एनबीएफसी एक और सेक्टर ऐसा है जिसे सुस्त रफ्तार के साथ कर्ज मिल रहा है। फरवरी में एनबीएफसी को दिये जाने वाले कर्ज वृद्धि दर में 12.5 फीसदी रही, वहीं, फरवरी 2012 में यह वृद्धि दर 29.3 फीसदी थी। जनवरी 2012 में एनबीएफसी को मिलने वाले कर्ज की वृद्धि दर 18.6 फीसदी थी।

सर्विस सेक्टर की बात करें तो इसे सालाना आधार पर इसकी कर्ज वृद्धि दर 12.7 फीसदी थी, जबकि फरवरी 2012 में यह आंकड़ा 14.7 फीसदी था। पर्सनल लोन की वृद्धि दर 14.3 फीसदी रही, वहीं पिछले साल यह वृद्धि दर 12.4 फीसदी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *