नयी दिल्ली । मुद्रास्फीति के मार्च में तीन साल से अधिक समय के बाद छह फीसद से नीचे आने के बाद योजना आयोग ने आज भरोसा जताया कि मूल्य स्थिति आने वाले महीनों में और सुधरेगी। आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘‘तीन साल से अधिक अवधि में पहली बार इसका छह फीसद से नीचे आना बेहद महत्वपूर्ण है और मुझे उम्मीद है कि हमें ऐसा आगे भी देखने को मिलेगा।”
सब्जियों के दाम घटने से मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 5.96 फीसद रह गई।
थोकमूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति एक महीना पहले फरवरी में 6.84 फीसद पर थी। एक साल पहले मार्च 2012 में यह 7.69 फीसद रही थी। पिछले वित्त वर्ष में मार्च में 5.96 फीसद पर आई मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के 6.8 फीसद के अनुमान से बहुत कम है।
अहलूवालिया ने कहा ‘‘मासिक आंकड़ों में उठा-पटक हो सकती है लेकिन हमारा यह मानना रहा है कि धीरे धीरे मुद्रास्फीतिक दबाव कम होगा।”
हालांकि, थोकमूल्य आधारित मुद्रास्फीति का जनवरी आंकड़ा संशोधित होकर 7.31 फीसद हो गया है जबकि शुरुआती आंकड़ा 6.62 फीसद रहा था।
मुद्रास्फीति के जनवरी के आंकड़ों में संशोधन के बाद काफी वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा ‘‘जहां तक मासिक आंकड़ों का सवाल है .. हमारी प्रणाली इतनी सुदृढ़ नहीं है कि इनमें बाद में कुछ बदलाव न हो।”
अहलूवालिया के मुताबिक मुद्रास्फीति की चाल सरकार के अनुमान के मुताबिक ही है जैसा कि सरकार कहती रही है कि यह धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है। (भाषा)