क्षेत्रीय भाषाओं में ई-शिक्षा की तैयारी

नयी दिल्ली: पारंपरिक शिक्षण पद्धति की तुलना में ई शिक्षा के व्यापक प्रभाव एवं पहुंच को देखते हुए सरकार क्षेत्रीय भाषाओं में भी ई शिक्षा की तैयारी शुरु कर दी है और देश की सभी उच्च शैक्षणिक संस्थाओं को इंटरनेट के जरिये जोड़ने के साथ ही विभिन्न विषयों की क्षेत्रीय भाषा में ई-सामग्री तैयार करा रही है.

यह पहल नेशनल मिशन आन एजुकेशन थ्रू इंफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी (एनएमईआईसीटी) के तहत की गयी है. इसके तहत अब तक 31 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 31299 कालेजों में से 19876 कालेजों को इंटरनेट सम्पर्क से जोड़ा जा चुका है. देश के 419 विश्वविद्यालयों में से 399 के बीच ई सम्पर्क स्थापित हो चुका है.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इसके तहत राष्ट्रीय स्तर पर ई नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है जिसमें सभी शैक्षणिक संस्थाओं को 10 एमबीपीएस बैंडविड्थ के माध्यम से जोड़ा जा रहा है जबकि विश्वविद्यालय में 100 एमबीपीएस सम्पर्क स्थापित किया जा रहा है. इस पर मंत्रालय सब्सिडी भी प्रदान कर रहा है.

अधिकारी ने बताया कि शैक्षणिक संस्थाओं के माध्यम से स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के छात्रों के लिए सभी संकायों में ई.समग्री तैयार की जा रही है. क्षेत्रीय भाषाओं में भी विभिन्न विषयों की ई.सामग्री तैयार की जा रही है ताकि देश के दूर दराज के इलाकों के छात्र भी इस सुविधा का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सके. यह सामग्री उच्च शैक्षणिक संस्थाओं में किसी भी समय, किसी भी प्रारुप में उपलब्ध होगी. अंग्रेजी भाषा में तैयार ई सामग्री का सब टाइटल क्षेत्रीय भाषाओं में भी तैयार करने के प्रयास हो रहे हैं.

इसके तहत ई-जर्नल, ई-पुस्तकें, वचरुअल लैब का विकास, व्यवसायिक शिक्षा प्रारुप आदि का भी विकास किया जा रहा है. इसे सस्ते टैबलेट ‘आकाश’ के माध्यम से भी प्रदान किये जाने की योजना है

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