मुंबई। भयंकर सूखे से जूझ रहे किसानों का मजाक उड़ाने वाली उनकी इस टिप्पणी को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने एक असंवेदनशील टिप्पणी करते हुए रविवार को पूछा कि बांध में अगर पानी नहीं है तो क्या हमें उसमें पेशाब करना चाहिए?
केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के भतीजे पवार ने शनिवार रात को पुणे के पिंपरी चिंचावाड़ के इंदापुर तहसील के एक सुदूर गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- आखिरकार रात को बिजली गुल हो जाने के बाद लोग क्या करें। किसी के पास कोई काम तो होता नहीं और बैठे ठाले लोग बच्चे पैदा करने में जुट जाते हैं।
सूखे के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यहां (प्रभाकर) देशमुख नाम का एक शख्स है जो पिछले 55 दिन से मुंबई के आजाद मैदान में धरने पर बैठा हुआ। इस विरोध का क्या नतीजा निकला? क्या उन्हें पानी मिल गया? या वे पेशाब करके पानी पैदा कर रहे हैं। अगर बांध में पानी ही नहीं है तो हम कैसे पानी छोड़ सकते हैं? क्या हमें उसमें पेशाब करना चाहिए? अगर पीने को पानी नहीं हो तो पेशाब करना भी मुमकिन नहीं है। पानी अगर उपलब्ध ही नहीं किसी तो मिलेगा कहां से।
महाराष्ट्र सरकार में वित्त और ऊर्जा जैसे अहम मंत्रालय संभालने वाले अजित पवार ने इसके बाद कहा- मुझे मालूम है कि मेरी बाते सुन कर आप लोगों को लग रहा होगा कि कुछ गड़बड़। कहीं मैंने शाम को ही तो नहीं चढ़ा रखी।
उनकी टिप्पणी पर जनसभा में मौजूद लोगों ने ठहाके भी लगाए।
बाद में अजित पवार ने इंदापुर तहसील में जनसभा को संबोधित करने के दौरान दिए गए अपने बयान के लिए माफी मांग ली। रविवार को एक बयान में उन्होंने कहा कि जनसभा के दौरान मेरी टिप्पणियां सूखा प्रभावित लोगों पर केंद्रित नहीं थी। अगर मैंने राज्य के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो मैं माफी मांगता हूं।
राकांपा के प्रमुख ने अजित पवार की टिप्पणियों पर कुछ कहने से इनकार कर दिया।
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और भाजपा नेता विनोद तावड़े ने पवार के बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह राज्य की अकाल पीड़ित जनता से क्रूर मजाक है। भाजपा के एनसी शैना ने टिप्पणी को ‘घृणित, अशिष्ट और अहंकारी’ करार दिया।
आजाद मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे किसान भैया देशमुख ने कहा कि पवार ने अपने बयान से राज्य की जनता की भावना को ठेस पहुंचाई है। किसी उप मुख्यमंत्री के मुंह से ऐसी टिप्पणी शोभा नहीं देती।
पवार ने कहा कि वे इसलिए माफी मांग रहे हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि उनकी टिप्पणी से सूखा प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों पर कोई असर पड़े। उन्होंने कहा कि मैं यह सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध हूं कि सूखा प्रभावित नागरिकों को पानी, मवेशियों का चारा, छात्रों की फीस माफी मिले। वे कष्ट झेल रहे लोगों की हरसंभव मदद के प्रयास जारी रखेंगे।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि अजित पवार किसानों की दुर्दशा का मखौल उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शरद पवार अपनी किसान पृष्ठभूमिको रेखांकित करते हैं जबकि उनके भतीजे किसानों का अपमान कर रहे हैं।ईएनएस व भाषा