नयी दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) द्वारा केजी-डी6 गैस क्षेत्र पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के खर्च के लेखा परीक्षण की जांच शुरू करने की तैयारी के बीच पेट्रोलियम मंत्रालय ने जांच संबंधी नियम तय किए है और कहा कि लेखा परीक्षक उत्पादन भागीदारी करार के तहत तय व्यय के औचित्य की जांच करेगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज :आरआईएल: के साथ केजी-डी6 ब्लाक पर हुए खर्च की जांच के दायरे के संबंध में हुए मतभेद के बाद कैग ने जनवरी के आखिर में लेखा परीक्षण स्थगित कर दिया था और इस मामले के समाधान के बाद अगले सप्ताह लेखा परीक्षण फिर से शुरू किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय और कैग इस बात पर सहमत है कि आरआईएल का कोई निष्पादन लेखा परीक्षण नहीं होगा। आरआईएल भी इस बात पर जोर देती रही है कि कैग किसी निजी कंपनी का निष्पादन लेखा परीक्षण नहीं कर सकती और उत्पादन भागीदारी करार में सिर्फ वित्तीय जांच की व्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने इस सप्ताह आरआईएल को पत्र लिखकर इस स्थिति का जिक्र किया और कंपनी से कहा कि वह रिकार्ड और दस्तावेज मुहैया कराने में सहयोग करे।
इस पत्र में लिखा गया कि लेखा परीक्षण के तहत उत्पादन भागीदारी करार के प्रावधान के मद्देनजर व्यय के औचित्य का परीक्षण किया जाएगा और सभी किस्म के दस्तावेज तक उसकी पहुंच होगी।
इसके बाद पिछले दो महीने में आरआईएल, कैग और पेट्रोलियम मंत्रालय के बीच बातचीत हुई और आखिरकार इस सप्ताह एक समझौता हुआ।
पेट्रोलियम सचिव विवेक राय ने कल कहा था कि सभी मामले सुलझा लिए गए हैं और कैग लेखा परीक्षण शुरू करने वाला है।