पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश में सहकारी संस्थाओं में महिलाओं को 50 फीसद आरक्षण मिलने से इस आंदोलन को बल मिलेगा और यह अन्य प्रदेशों के लिए उदाहरण बनेगा। बिहार विधानसभा में पेश ‘बिहार स्वावलंबी सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक 2013′ के बारे में जानकारी देते हुए सहकारिता मंत्री रामधार सिंह के यह बताए जाने पर कि सहकारी संस्थाओं के प्रबंधन समितियों में महिलाओं को पचास फीसद आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया है, नीतीश ने कहा कि प्रदेश में सहकारी संस्थाओं में महिलाओं को 50 फीसद मिलने से इस आंदोलन को बल मिलेगा और यह अन्य प्रदेशों के लिए उदाहरण और नजीर बनेगा।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से बिहार ने पंचायती राज संस्थानों और नगर निकायों में महिलाओं को पचास फीसद आरक्षण देकर पहला कदम बढ़ाया था उसी तरह उनकी समझ से सहकारिता के क्षेत्र में भी महिलाओं को पचास फीसद आरक्षण देकर इस प्रदेश ने पुन: एक कदम आगे बढ़ाया है और यह दूसरे राज्यों के लिए एक नजीर बनेगा। सहकारी संस्थाओं में महिलाओं को पचास फीसद आरक्षण दिए जाने को एक मजबूत कदम बताते हुए नीतीश ने कहा कि इससे महिलाओं के सशक्तिकरण एवं उनकी जागृति के साथ उनके बीच इसके प्रचार में भी मदद मिलेगी।ज
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रदेश में सहकारी संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी कम है इसलिए सरकार ने यह फैसला किया और इसकी घोषणा पिछले 22 मार्च को बिहार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम
के दौरान की गई थी और उन्हें इस बात की खुशी है कि दस दिनों के भीतर सदन द्वारा इस संबंध में विधेयक पारित किया जा रहा है।
नीतीश ने कहा कि प्रदेश में सहकारी संस्थाओं का भी निर्वाचन एक स्वतंत्र निकाय से कराया जाएगा और ये चुनाव नियमित तौर पर हों इस दिशा में सरकार की ओर से प्रयास जारी है।
उन्होंने कहा कि सहकारी संस्थाओं के मामले में सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है बल्कि उसे और भी कारगर, अधिकार संपन्न बनाना और पैक्स को प्रोत्साहित करना चाहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सहकारी समितियों की प्राथमिकता सदस्यता के लिए विशेष तौर पर अभियान चल रहे हैं और उसमें जो आरक्षित वर्ग के लोग हैं ऐसे परिवारों से एक सदस्य बने खासतौर से पैक्स में जिसका नतीजा यह हुआ कि बड़ी संख्या में जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं, सदस्य बने हैं। न्होंने कहा कि पैक्स के माध्यम से प्रदेश में अनाज की खरीदारी की जा रही है ।
नीतीश ने कहा कि हमारा कृषि आधारित समाज है इसलिए ग्रामीण अंचल के साथ अब शहरी क्षेत्रों में भी बहुत काम सहकारी संस्थाओं के माध्यम से हो सकेगा। हम प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों का गठन व उनका विकास करना चाहते हैं और अगले पांच साल में दस लाख ऐसे समूह गठित करने का सरकार का विचार है। सदन ने राजद सदस्यों की अनुपस्थिति में ‘बिहार स्वावलंबी सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक 2013′ को स्वीकृति प्रदान कर दी।