पटना। जन्म एवं मृत्यु के पंजीकरण का कम प्रतिशत देख बिहार सरकार ने किन्नरों व डोम [दाह संस्कार कराने वाले] की सेवा लेने का निर्णय लिया है। किन्नर बच्चों के जन्म की खबर बताएंगे, जबकि डोम मृत्यु के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
पूर्व में टैक्स की वसूली में ली गई किन्नरों की सेवा के अच्छे नतीजे आने के बाद यह निर्णय लिया गया है। सूत्रों ने बताया, क्योंकि सदियों से किन्नर बच्चों के जन्म के संबंध में जानकारी इकट्ठा करते रहे हैं, उनकी इस विशेषता का जन्म के पंजीकरण में लाभ उठाया जाएगा। यह चिंता की बात है कि जन्म पंजीकरण का प्रतिशत अभी सूबे में मात्र 36 ही है। देश के अन्य राज्यों की तुलना में यह सबसे कम है। नई योजना के तहत किन्नर हर उस घर में पंजीकरण फार्म के साथ जाएंगे, जहां किसी नवजात ने जन्म लिया हो। जन्म पंजीकरण के प्रतिशत को 2015 तक 100 फीसदी करने का लक्ष्य है। इसके लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं की भी मदद ली जाएगी। किन्नरों को इसके लिए मानदेय भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसी प्रकार मृत्यु पंजीकरण में भी सहयोग करने वाले को मानदेय देने की योजना है।