फतेहपुर, कार्यालय संवाददाता : विश्व स्तर पर जिस बात को
लेकर मंथन हो रहा है। उसका शहर में कोई असर नहीं दिख रहा है। जल दोहन कर
प्रतिदिन धरती की कोख से 2 करोड़ लीटर का जल दोहन हो रहा है, जिसमें 30 फीसद
पानी बर्बाद हो रहा है। ऐसा नहीं है कि भूगर्भ जल के दोहन के लिए सभी
अधिकृत हैं पर जलस्तर नीचे खिसकने के बाद भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे
रहा है। प्रशासन की इस बेफिक्री का खामियाजा भीषण गर्मी में आम आवाम को
भुगतना पड़ सकता है।
गर्मी के पहले ही 20 फिट जल स्तर गिर चुका है। आने वाले समय में जल स्तर
गिरने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। शहर में पालिका के 28
नलकूपों से जनता को पेयजल मुहैया कराया जा रहा है। एक नलकूप से एक मिनट में
1 हजार लीटर पानी निकलता है। प्रतिदिन दस घंटे हर नलकूप चलता है। इस लिहाज
से पौने दो करोड़ लीटर भूगर्भ जल का दोहन पालिका करती है। इसके अलावा शहरी
क्षेत्र के 5 हजार हैंडपंप, 1 हजार सबमर्सिबल पंप भी लगे हैं। इनमें गैराज
में लगे सबमर्सिबल की संख्या 50 के करीब है। प्रतिदिन कुल जल दोहन का 30
फीसद पानी बर्बाद हो रहा है। जिन घरों में सबमर्सिबल पंप लगे हैं वहां भी
पानी की खूब बर्बादी हो रही है। घरों में वाशिंग मशीनें 8000 के करीब हैं।
शहर में 2 करोड़ लीटर भू-गर्भ जल चार लाख की आबादी के उपयोग में लाया जा
रहा है। प्रति व्यक्ति 42 लीटर पानी उपयोग करने का औसत है। एक चार पहिया
वाहन धोने में 500 लीटर पानी बर्बाद हो जाता है।
इनसेट.
क्या कहते हैं जिम्मेदार
नगर पालिका के अवर अभियंता जलकल गौरी शंकर पटेल ने बताया कि शहर में
पालिका पौने दो करोड़ लीटर पानी औसत प्रतिदिन लोगों को परोसता है। इसमें
पानी बर्बाद होने की रोकथाम पालिका द्वारा नहीं की जा रही है। लोगों को
पानी की बर्बादी के प्रति सचेत होना चाहिए।